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UP Election: आखिर क्यों प्रियंका गांधी के करीबी पूर्व सांसद राकेश सचान ने बीजेपी का थामा दामन, पढ़िए पूरी कहानी

हाइलाइट्सराकेश सचान पर लगा था पत्नी को टिकट दिलाने के लिए दबाव बनाने का आरोपकांग्रेस की ओर से भोगनीपुर से टिकट दिए जाने को लेकर नहीं मिल रही थी हरी झंडीप्रियंका गांधी के करीबी को पार्टी में शामिल कराकर बीजेपी ने दिया ईनामसीमा सचान को भाजपा ने फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा सीट से बनाया प्रत्याशीसुमित शर्मा, कानपुर: कांग्रेस के पूर्व सांसद राकेश सचान (Rakesh Sachan) ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। यूपी चुनाव (UP Election 2022) के समय में जारी भागमभाग का असर तमाम राजनीतिक दलों पर दिख रहा है। लेकिन, अब अधिक नुकसान में कांग्रेस दिख रही है। पार्टी के दूसरे सीनियर नेता ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह पार्टी छोड़कर गए। इसके बाद पीछे-पीछे राकेश सचान भी भाजपा पाले में पहुंच गए। वे पत्नी के लिए टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने उनकी वह मांग पूरी भी कर दी।

यूपी विधानसभा चुनाव (UP VIdhansabha Chunav) से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच दल-बदल की राजनीति चल रही है। दलबदलुओं ने यूपी चुनाव (UP Chunav) को और भी दिलचस्प बना दिया है। विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) से पहले कांग्रेस पार्टी को और बड़ा झटका लगा है। राजनीतिक गलियारों में पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी कि प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के करीबी और पार्टी के कद्दावर नेता राकेश सचान कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले हैं। कांग्रेस नेता अपनी पत्नी के लिए बीजेपी से विधानसभा टिकट मांग रहे हैं। हालांकि, जब कांग्रेस नेता से इस संबंध में बात की गई थी तो उन्होंने इसका खंडन किया था।

राजनीतिक गलियारे में खूब थी चर्चा
यूपी कांग्रेस कमेटी के महासचिव और फतेहपुर के पूर्व सांसद राकेश सचान कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन करने की चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब चल रही थी। पूर्व सांसद ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी छोड़कर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। कांग्रेस की टिकट पर फतेहपुर से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें बीजेपी की साध्वी निरंजन ज्योति के सामने हार का सामना करना पड़ा। राकेश सचान को सपा के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव का करीबी माना जाता था।

पत्नी के लिए टिकट कर रहे थे मांग
कानपुर और कानपुर-बुंदेलखंड में चर्चा चल रही है कि पूर्व सांसद अपनी पत्नी के लिए कानपुर देहात (Kanpur Dehat) की भोगनीपुर सीट से टिकट मांग रहे थे। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी से टिकट फाइनल होने की स्थिति में उनके भाजपा में जाने की चर्चा थी। कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट से वर्ष 2017 में विनोद कटियार विधायक बने थे। भोगनीपुर सीट कटियार बाहुल क्षेत्र है और बीजेपी का गढ़ है। हालांकि, मामला बढ़ने के बाद राकेश सचान ने खुद को कांग्रेस का सच्चा सिपाही बताया था।

भाजपा में आते ही मिल गया इनाम
राकेश सचान को भाजपा में आते ही इनाम मिल गया। भाजपा ने उनकी पत्नी सीमा सचान को फतेहपुर की बिंदकी विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। उनके उम्मीदवार बनाए जाने से पार्टी के वर्तमान विधायक करण पटेल किनारे हो गए हैं। फतेहपुर उनका कर्मक्षेत्र रहा है, ऐसे में राकेश सचान को इससे अधिक दिक्कत नहीं होगी। भोगनीपुर सीट भाजपा की परंपरागत सीट रही है और यहां से किसी भी स्थिति में पार्टी विनय कटियार को नाराज नहीं करने के मूड में है।

2009 में फतेहपुर से दर्ज की थी जीत
राकेश सचान 1993 और 2002 में घाटमपुर विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। शिवपाल सिंह यादव के कहने पर मुलायम सिंह यादव ने राकेश सचान को 2009 में फतेहपुर लोकसभा सीट से कैंडिडेट बनाया गया था। राकेश सचान ने बसपा के महेंद्र प्रसाद निषाद को लगभग एक लाख वोटों से हराया था। इस जीत के बाद राकेश सचान मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी बन गए थे। हालांकि, वर्ष 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के कारण यह सीट बसपा खाते में चली गई। पूर्व सांसद इससे नाराज हो गए। अखिलेश यादव को मनाने की कोशिश की। जब वे नहीं माने तो कांग्रेस का दामन थाम लिया।

राकेश सचान ने भाजपा की ली है सदस्यता