प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 मई, 2014 को देश का नेतृत्व अपने हाथ में लेते हुए यह संदेश दिया था कि उनकी नीति ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की होगी। उनके अब तक के कार्यकाल में अनेक बार यह बात सिद्ध हो चुकी है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस नीति का पूरी ईमानदारी के साथ पालन किया है। उन्होंने मुश्किल समय में संकटमोचक बनकर दूसरे देशों की मदद की है। अब सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट से प्रभावित टोंगा को 2 लाख डालर की तत्काल राहत सहायता देने की घोषणा की है।
भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने टोंगा में सुनामी के कारण हुए नुकसान और विनाश के लिए टोंगा साम्राज्य की सरकार और लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की है। इस अभूतपूर्व आपदा को देखते हुए भारत भी मदद के लिए आगे आया है। मोदी सरकार ने टोंगा साम्राज्य में राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए 2 लाख डॉलर की आर्थिक सहायता दी है। संकट की इस घड़ी में वहां के लोगों के साथ खड़ा हो कर मोदी सरकार ने फिर अपनी अंतरराष्ट्रीय सहयोग को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
भारत प्राकृतिक आपदाओं के कारण संकट और तबाही के समय टोंगा के साथ मजबूती से खड़ा है, जैसा कि 2018 में चक्रवात गीता के दौरान हुआ था। नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में कहा था कि आपदा जोखिम में कमी और प्रबंधन भारत के हिंद प्रशांत महासागरों की पहल (आईपीओआई) का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
गौरतलब है कि 15 जनवरी, 2022 को टोंगा साम्राज्य ज्वालामुखी विस्फोट और सुनामी की चपेट में आ गया था। इससे देश की आबादी का बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ है और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों के मुताबिक टोंगा की आबादी का चार-पांचवां हिस्सा सुनामी और ज्वालामुखी की राख से प्रभावित हुआ है।
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