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अनियमित भवनों के नियमितीकरण की प्रक्रिया अबहोगी सरल

छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार लगातार जनकल्याणकारी निर्णय लेकर योजनाओं को लागू कर रही है। सरकार के इन निर्णयों से सीधे आम नागरिकों को लाभ मिल रहा है। इसी तरह की कई घोषणाएं मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीते 26 जनवरी को कीं। इन घोषणाओं में अनियमित भवन के नियमितीकरण के लिए नया कानून बनाने की बात शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनियमित भवन निर्माण के नियमितीकरण के लिए इसी वर्ष एक व्यावहारिक, सरल एवं पारदर्शी कानून बनाया जाएगा। इससे अनेक नागरिक प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे और वे अपनी मेहनत से किए गए निर्माण को नियमित कराकर स्वाभिमान से जीवन-यापन एवं रोजगार कर सकेंगे। निगम क्षेत्र के लिए प्रावधानित डायरेक्ट भवन अनुज्ञा की सुविधा को अब निगम क्षेत्रों के बाहर निवेश क्षेत्र में भी लागू करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है।

73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की जनता को अनेक सौगातें दीं। इस कड़ी में उन्होंने अनियमित भवनों के साथ ही रिहायशी क्षेत्रों में संचालित व्यावसायिक गतिविधियों के नियमितीकरण के लिए भी आवश्यक प्रावधान करने की घोषणा की, जिससे हितग्राही व्यवसायी आत्मविश्वास के साथ अपना व्यवसाय संचालित कर सकेंगे। गौरतलब है कि इससे पूर्व अनियमित भवनों के नियमितीकरण के लिए वर्ष 2002 में एक वर्ष का प्रावधान किया गया था, लेकिन नियमितीकरण की दरें काफी ज्यादा थीं। इस तरह वर्ष 2016 में भी एक वर्ष के लिए नियमितीकरण का प्रावधान किया गया था, जिसमें आवासीय भवनों के नियमितीकरण के लिए दरें कम की गई थीं, लेकिन तब व्यावासायिक परिसरों में पार्किंग के प्रावधान और लैण्ड यूज के कठिन प्रावधानों की वजह से नियमितीकरण में दिक्कतें सामने आ रही थीं। प्रदेश के संवदेनशील मुख्यमंत्री ने इस परेशानी को समझा और प्रावधानों को शिथिल करने का निर्णय लिया है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में नगर निगम से बाहर के ऐसे क्षेत्र जो निवेश क्षेत्र में शामिल हैं, वहां वैध कॉलोनियों में 500 वर्गमीटर (5382 वर्ग फीट) प्लॉट में भवन निर्माण के लिए बिना मावनीय हस्तक्षेप प्रक्रिया होगी। इसमें आवेदक कम्प्यूटर से आवेदन करेगा। कम्प्यूटरीकृत सिस्टम में स्वत: ही आवेदन एवं संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण कर आवश्यक शुल्क की जानकारी दे दी जाएगी। आवेदक द्वारा भवन निर्माण शुल्क जमा करते ही अनुज्ञा पत्र जारी हो जाएगा। वहीं नगरीय निकायों में नल कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया को डायरेक्ट भवन अनुज्ञा की तर्ज पर मानवीय हस्तक्षेप मुक्त बनाकर समय-सीमा में नल कनेक्शन देने जाएंगे।