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छत्तीसगढ़ और बिहार के स्कूल शिक्षा मंत्री की पटना में संयुक्त बैठक

छत्तीसगढ़ में शाला सुरक्षा के लिए होगी ठोस पहल: डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
छत्तीसगढ़ के शैक्षिण भ्रमण पर आएगा बिहार का दल

स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम के नेतृत्व में प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा एवं संचालक एस.सी.ई.आर.टी. श्री पी दयानंद के साथ बिहार राज्य के पटना मुख्यालय में बिहार शिक्षा परियोजना के अधिकारियों के साथ वहां के शिक्षा मंत्री श्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा की अध्यक्षता में एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई। जिसमें दोनों राज्यों में चल रही शिक्षा गुणवत्ता से संबंधित विभिन्न योजनाओं की विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में बिहार राज्य में विद्यालय सुरक्षा योजना और उसके अंतर्गत सुरक्षित शनिवार योजना पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम द्वारा विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी शाला सुरक्षा के लिए ठोस काम करने की पहल सरकार द्वारा की जा रही है। 
बैठक में छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता के लिए किए जा रहे नवाचारी प्रयासों की वहां के अधिकारियों ने प्रशंसा की। बिहार के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ के शैक्षिण भ्रमण पर आने का निर्णय भी लिया, ताकि छत्तीसगढ़ में चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे जानकारी प्राप्त की जा सके। इसके अलावा बिहार में चल रहे बिहार उन्नयन योजना, किशोरी प्रोत्साहन योजना एवं बालिकाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
संचालक एस.सी.ई.आर.टी. श्री पी दयानंद द्वारा छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। राज्य स्तरीय आकलन के बारे में जानकारी दी गई कि किस प्रकार से शिक्षकों को लर्निंग आउटकम पर आधारित प्रश्नों को उपलब्ध कराते हुए राज्य स्तर पर पहली से आठवीं तक के बच्चों का आंकलन कर रहे हैं। उसके प्राप्त परिणामों के आधार पर उपचारात्मक शिक्षा की व्यवस्था राज्य में सुनियोजित तरीके से की गई है, ताकि सभी बच्चों की उपलब्धि में सुधार किया जा सके।
बिहार में गांधीजी के 150 वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर गांधीजी से संबंधित दो पुस्तकों और उसके आधार पर प्रार्थना के दौरान गांधीजी के जीवन पर आधारित कहानियों के बारे में जानकारी देने की परंपरा बिहार में शुरू की गई है। इससे बच्चे गांधीजी के जीवन के बारे में अच्छे से समझ रहे हैं और उनके विचारों को प्रार्थना के दौरान एक दूसरे से साझा करने से उनकी अभिव्यक्ति कौशल भी विकसित हो रही है।