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UP Chunav: बड़ी जनसभाएं बंद तो भाजपा ने निकाला डिजिटल प्रचार का हथियार, शुरू हुआ वोटर्स कनेक्ट डिजिटल ड्राइव

लखनऊ:यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) इस बार अलग ही रंग में रंगा हुआ है। देश के सबसे बड़े प्रदेश में बड़ी रैलियों का आयोजन नहीं हो रहा है। बड़े-बड़े नेता भी छोटी-छोटी रैलियां कर रहे हैं। घर-घर जाकर जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। इसमें भी अधिक भीड़ होने की स्थिति में नेताओं पर कोविड गाइडलाइन (Covid Guidline) के उल्लंघन का मामला दर्ज होने का खतरा रहता है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पूर्वी उत्तर प्रदेश (Purvanchal) में वोटरों को जोड़ने का एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत पार्टी के कार्यकर्ता और एनजीओ सेल से जुड़े लोगों के घरों पर पहुंच कर वोटर्स को कनेक्ट कर रहे हैं।

यूपी में 10 फरवरी से शुरू हो रहे सात चरणों के चुनाव (Seven Phase of UP Election) को लेकर बीजेपी ने नए अभियान की शुरुआत की है। पूर्वी यूपी के 12 जिलों में इस अभियान को शुरू किया गया है। अभियान का नाम वोटर्स कनेक्ट डिजिटल ड्राइव (Voters Connect Digital Drive) दिया गया है। इस अभियान के तहत पूर्वी यूपी के 69 विधानसभा सीटों को कवर करने की योजना बनाई गई है। हरेक विधानसभा क्षेत्र के कम से कम 7,000 घरों को इस योजना से जोड़ने की तैयारी है। भाजपा एनजीओ सेल का दावा है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी 12 जिलों में मतदाताओं को लुभाने के लिए वोटर कनेक्ट डिजिटल कैंपेन के तहत कम से कम 5 लाख घरों को कवर किया जाएगा।

पूर्वी यूपी पर भाजपा का विशेष फोकस
पूर्वी यूपी को भाजपा का गढ़ माना जाता है। इस क्षेत्र से चुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आते हैं। वहीं, पूर्वांचल से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी हैं। ऐसे में पार्टी अपने मजबूत गढ़ में किसी प्रकार की सेंध नहीं लगने देना चाहती है। पिछले दिनों आए कई ओपिनियन पोल सर्वे ने पार्टी की चिंता बढ़ाई है। पूर्वी यूपी में कांटे का मुकाबला होता दिख रहा है। ऐसे में पार्टी ने अब अपने वोटरों को वोटिंग के लिए मोटिवेट करना शुरू कर दिया है। किसी भी स्थिति में वोटर वोटिंग अधिकार से वंचित न रहे, इसको सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। नाराजगी को दूर करने के लिए बड़े नेता भी हरेक मतदाता से डिजिटली कनेक्ट हो रहे हैं। इसका असर पड़ना तय है।

संगठनात्मक जिलों के आधार पर अभियान
बीजेपी के संगठनात्मक ढांचे के आधार पर पूर्वी यूपी के 12 जिलों को 16 संगठनात्मक जिलों में बांटा गया है। काशी प्रांत के इन संगठनात्मक जिलों में अभियान की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। इसमें प्रयागराज जिले को प्रयागराज शहर, प्रयागराज ट्रांस-गंगा और प्रयागराज ट्रांस-यमुना में विभाजित किया गया है। काशी प्रांत के एनजीओ सेल के सह संयोजक रजनी कांत का कहना है कि अभियान के तहत हम पूर्वी यूपी के सभी 69 विधानसभा क्षेत्रों में कम से कम 7,000 घरों को कवर करने की योजना बना रहे हैं। इसमें प्रयागराज में 12, प्रतापगढ़ में सात और कौशाम्बी में तीन और बिजनौर, सोनभद्र, वाराणसी, अमेठी आदि जैसे अन्य जिले शामिल हैं। 2022 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए क्लीन स्वीप सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।

मतदाताओं से बातचीत पर जोर
भाजपा एनजीओ सेल की टीम मतदाताओं से बातचीत पर भी फोकस कर रही है। टीम वोटरों के साथ बातचीत कर उसे डिजिटल फॉर्म में भी अंकित कर रही है। इसमें जिला, विधानसभा क्षेत्र का नाम और मतदाता, उनके मोबाइल नंबर, पता, मतदान केंद्र का विवरण, सरकार से अपेक्षाएं, साथ ही साथ घर का दौरा करने वाले भाजपा कार्यकर्ता का विवरण भरा जा रहा है। इसके लिए पार्टी ने ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ को भी जोड़ा है। पार्टी की ओर से इसे डिजिटल विजय अभियान-2022 भी कहा जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रयागराज पर विशेष फोकस किया जा रहा है। भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर उन्हें आक्रामक तरीके से वोटिंग के लिए अनुरोध कर रहे हैं।

महिला संगठनों को भी जोड़ने की तैयारी
चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए पार्टी ने ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के स्वयं सहायता समूह, आशा, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के साथ बातचीत करने का निर्णय लिया है। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार के स्तर पर चल रही कल्याणकारी योजनाओं के बारे में उन्हें जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा पार्टी का प्रदेश नेतृत्व भी वोटिंग से पहले प्रत्येक घर तक पहुंचने के लिए एक विशेष रणनीति पर काम कर रहा है। मतदाताओं से जुड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। प्रयागराज जिले की सभी 12 सीटों पर वोटरों को जोड़ने का अभियान तेजी से शुरू कर दिया गया है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में अलग ही रणनीति पर काम कर रही है भाजपा