आगरा में चक्कीपाट की सय्यैद गली में आठ मकानों में आई दरार की जांच 48 घंटे बाद भी शुरू नहीं हो सकी। रविवार को नगर निगम से कोई टीम नहीं पहुंची। क्षतिग्रस्त मकानों की लोगों ने खुद मरम्मत शुरू करा दी है। दो मकानों में फर्श धंस गया है। क्षेत्रीय लोगों को अनहोनी की आशंका सता रही है। बिजलीघर स्थित चक्कीपाट में आठ महीने पहले सीवर व पानी की लाइन बिछाई गई थीं। शनिवार सुबह मकानों में दरार आने से क्षेत्रीय लोग डर गए। घरों से बाहर निकल आए। कलेक्ट्रेट पहुंचकर महिलाओं ने हंगामा किया। एडीएम सिटी अंजनी कुमार को ज्ञापन देकर मकानों में आई दरार की जांच कराने को कहा। लेकिन रविवार को जांच के लिए कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। पीड़ित श्रवन कुमार ने बताया कि भूमिगत सीवर व पानी की लाइनों के लीकेज से मकानों में दरार आ सकती है। सुरेश ने बताया कि मकान गिरासू है।
चक्कीपाट निवासी गोविंद ने बताया कि दो मकानों के फर्श धंस गए हैं। गलियों व अन्य मकानों की जमीन धंस सकती है। नगर निगम और प्रशासन में सुनवाई नहीं हो रही। यहां अधिकांश लोग मजदूरी करते हैं। मकानों की मरम्मत कराने के लिए भी उनके पास पैसा नहीं है।
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