1-2-2022 बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के अभिभाषण से हुई। राष्ट्रपति कोविंद ने अपने अभिभाषण में कोरोना महामारी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम का जिक्र किया। किसानों और महिलाओं के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार का छोटे किसानों और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान है।
राष्ट्रपति कोविंद ने सरकार द्वारा 64 हजार करोड़ रुपए की लागत से शुरू प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर मिशन की सराहना की। संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति ने तीन तलाक कानून का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मेरी सरकार सभी गरीबों को हर महीने मुफ्त राशन दे रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक दो करोड़ से अधिक पक्के घर गरीबों को मिल चुके हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फ ोन निर्माता बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व की सर्वाधिक तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जीएसटी कलेक्शन पिछले कई महीनों से एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है।
जब बात किसानों की होती है तो कृषि क्षेत्र में सुधारों के लिये लाया गया तीन कृषि कानून की बात करना उचित होगा यह वापस लेना पड़ा परंतु जब से मोदी सरकार ने किसानों के लिये किसान सम्मान निधि की योजना लागू की है तब से किसानों में आर्थिक तंगी की स्थिति का निपटारा होने लगा है। आर्थिक रूप से सशक्त होगा किसान तभी तो फसलों की देखभाल करेगा। सिंचाई से लेकर उर्वरकों, व बीजों की आपूर्ति भी मोदी सरकार द्वारा योजनाओं के माध्यम से पहुंचाने का प्रयास है।
कृषि को तकनीक से जोड़कर खेती किसानी को सरल और सुगम बनाने के लिये ड्रोन तकनीक का प्रयोग भी हाल में किया जा रहा है जो कि खेती किसानी को नये दौर में लेकर जा रही है। इसके अलावा कृषि कल्याण मंत्रालय द्वारा विभिन्न देशों के कृषि संबंधित तकनीकों पर भी उनके कार्यशैली पर भी ध्यान दिया जा रहा है जिससे आगामी समय में किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले और फसलें और उनके देखरेख उनके विकास को लेकर लाभ मिले।
जिस प्रकार से राष्ट्रपति द्वारा अपने भाषण में महिलाओं की सफलता के लिये उनके हित में उठाये अब जल्द ही आगामी वर्षों में हमारे देश में सभी वर्गों का आत्मनिर्भर बनने का सपना भी सफल होता दिख रहा है। बात चाहे किसानों की हो चाहे नौजवानों की या नारीशक्ति की हर एक वर्ग आज सशक्त हो रहा है जिससे आने वाले दिनों में आत्मनिर्भर भारत की तरफ देश बढ़ रहा है।
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