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डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग से डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा

आज पूरे देश की निगाहें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए बजट पर थी। वित्त मंत्री ने बजट में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को बड़ी सौगात दी। इसी क्रम में वित्त मंत्री ने अपने बजट के मार्फत क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लोगों को बड़ा झटका दे दिया है। पिछले कुछ दिनों जिस तरह से देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस छिड़ी हुई है, उसके मद्देनजर वित्त मंत्री का यह ऐलान काफी प्रासंगित माना जा रहा है।
साथ ही माना जा रहा है कि वित्त मंत्री के इस ऐलान के बाद से क्रिप्टोकरेंसी के बेजा इस्तेमाल पर उपय़ोग भी आने वाले दिनों में देखने को मिलेगी। अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वित्त मंत्री ने ऐसा क्या ऐलान कर दिया है। तो आइए आपको आगे इसके बारे में विस्तार से बताए चलते हैं।वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष में डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग होगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 2022-23 में रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी को लॉन्च करेगा।

वित्त मंत्री ने बताया कि डिजिटल करेंसी की लॉन्चिंग से डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट मिलेगा। डिजिटल करंसी (क्रिप्टोकरंसी) से इनकम पर 30 फीसदी टैक्स लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअल करंसी के ट्रांसफर पर 1 फीसदी TDS भी लगेगा। कहा गया कि अगर वर्चुअल एसेट को गिफ्ट के तौर पर दिया जाता है तो टैक्स वह शख्स देगा जिसको वह virtual asset गिफ्ट के तौर पर मिली है। यह भी बताया गया है

डिजिटल करेंसी को इसी वित्त वर्ष चालू किया जाएगा।बता दें कि इस बात के कयास काफी दिनों से ही लगाए जा रहे थे कि आगामी 2022-23 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री की तरफ क्रिप्टोकरेंसी पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई कदम उठाए जाएंगे और आज ही कुछ देखने को मिला है। ध्यान रहे कि वित्त मंत्री ने यह बजट ऐसे वक्त में पेश किया है, जब देश की अर्थव्यवस्था पिछले दो वर्षों से आर्थिक बदहालियों की गिरफ्त में आकर जूझती हुई नजर आ रही है। ऐसे में केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट के जरिए देश की अर्थव्यस्था को नई रफ्तार देने का पूरा प्रयास किया है।

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