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UP Chunav: 2014, 2017, 2019 में नहीं आए… आखिर 10 साल बाद अखिलेश को नोएडा कौन खींच रहा?

नोएडा: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को नोएडा पहुंच रहे हैं। 10 साल बाद सपा प्रमुख का यह नोएडा दौरा होगा। इस दौरान तीन चुनाव बीते, लेकिन अखिलेश यादव नोएडा नहीं आए। इसका कारण एक मिथक रहा कि नोएडा जाने वाले पार्टी प्रमुख को चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है। अखिलेश वर्ष 2012 के चुनाव में पार्टी के स्टार प्रचारक थे। उस दौरान पार्टी का पूरा जिम्मा सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव संभालते थे। लेकिन, जैसे ही वे मुख्यमंत्री बने इस अंधविश्वास की जानकारी उन्हें दी गई और 10 सालों तक इसका उन्होंने पालन किया।

अखिलेश यादव के अंधविश्वास का यह किस्सा खूब चर्चित हुआ। इस मामले को लेकर उनसे सवाल भी किए गए। इसके बाद उन्होंने माना भी कि वे अंधविश्वास के कारण नोएडा नहीं जाते रहे हैं। लेकिन, वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है। किसान आंदोलन के बाद भारतीय जनता पार्टी इस इलाके में कमजोर दिख रही है। ऐसे में अखिलेश यादव नोएडा पहुंचकर उस मिथक को तोड़ने की कोशिश करते दिख रहे हैं। अखिलेश यादव वर्ष 2014 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव हों या फिर वर्ष 2017 का विधानसभा चुनाव, उन्होंने नोएडा में कदम नहीं रखा।

गठबंधन के बाद भी मानते रहे अंधविश्वास
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस के राहुल गांधी के साथ मिलकर दो युवाओं की जोड़ी बनाई थी। इसके बाद माना जा रहा था कि वे नोएडा में बतौर मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार करने जाएंगे। लेकिन, उन्होंने वहां पर चुनाव प्रचार करने से इंकार कर दिया था। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और मायावती की जोड़ी चुनावी मैदान में उतरी। उस समय भी माना गया कि सपा-बसपा उम्मीदवारों के पक्ष में चुनावी प्रचार अभियान में वे उतरेंगे। इस बार भी उन्होंने अपने समर्थको को निराश कर दिया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान तो उन्होंने अपने प्रत्याशी को अपने दम पर चुनाव प्रचार करने के निर्देश दे दिए थे। इस बार स्थिति बदली हुई है।

मोदी ने भी कसा था तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अखिलेश यादव के अंधविश्वास पर तंज कसा था। उन्होंने पश्चिमी यूपी के विधानसभा सीटों के लिए की गई वर्चुअल रैली में अखिलेश के अंधविश्वास पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि खुद को शिक्षित और पढ़ा-लिखा मानने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ने तो अपने एक जिले को ही अंधविश्वास के कारण छोड़ दिया। कुर्सी के लिए एक जिले में विकास कार्यों की स्थिति तक नहीं देखने का आरोप लगाया। पीएम मोदी के हमले का असर वोटरों में भी दिख रहा था। ऐसे में अखिलेश यादव इन इलाकों में पहुंचकर इस मिथक को तोड़ने की कोशिश करते दिख रहे हैं। साथ ही, वे भाजपा को भी जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं कि उन्हें कुर्सी से अधिक अपने लोगों की चिंता है।

योगी लगातार करते रहे हैं दौरा
सीएम योगी आदित्यनाथ नोएडा का लगातार दौरा करते रहे हैं। उनके भी नोएडा आने के मामले को लेकर एक मुद्दा बनाया गया था। लेकिन, योगी आदित्यनाथ ने किसी प्रकार का अंधविश्वास न मानने की बात कही थी। नोएडा का करीब 20 बार वे पिछले पांच साल में दौरा कर चुके हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी की ओर से अखिलेश को इस मामले में निशाना बनाया जा रहा है। इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए अखिलेश अब फ्रंट फुट पर हैं। वे भाजपा के हर हमले पर पलटवार करना चाह रहे हैं। इसी क्रम में उनके नोएडा दौरे को देखा जा रहा है।

अखिलेश यादव 10 साल बाद आ रहे हैं नोएडा