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मेरठ में बसंत पंचमी पर जमकर होती है पतंगबाजी, आचार संहिता के कारण राजनीतिक पार्टियों वाली पतंगे बाजार से नदारद

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मेरठ: उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव का दौर चल रहा है । लेकिन अबकी बार आपको बसंत पंचमी के दिन आसमानों में राजनीतिक पार्टियों से संबंधित पतंगे बहुत कम दिखाई देंगी । दरअसल आचार संहिता के चलते हुए पतंग व्यापारियों ने विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की प्रमुख चहरों की पतंग से अबकी बार दूरी बनाई हुई है। दुकानदारों का कहना है कि आचार संहिता को देखते हुए जो प्रत्याशी पतंगे बनावएंगे उन्हीं पतंगों को बनाया जाएगा । अन्यथा सिंपल और कार्टून आधारित पतंगे बाजार में देखने को मिलेंगी।

अपनी चुनावी यात्रा के दौरान मेरठ के घंटा घर में ऐसे ही एक पतंग बेचने वाले दुकानदार से नवभारत टाइम्स ऑनलाइन ने बात की। दुकानदार ने बताया कि मेरठ में बसंत पंचमी का त्यौहार पतंग उड़ा कर मनाया जाता है। देश में अगर पतंगबाजी की बात की जाए तो कहीं पर रक्षाबंधन तो कहीं 26 जनवरी पर पतंगे उड़ाई जाती है। लेकिन मेरठ की बात की जाए तो बसंत पंचमी पर हर्षोल्लास के साथ पतंगे उड़ाई जाती हैं। युवा पतंगबाजी करने के लिए अपनी-अपनी छतों पर चढ़ जाते हैं। जिसके बाद आसमानों में पतंग ही पतंग दिखाई देती हैं इस बार भी बड़ी मात्रा में पतंगों की खरीदारी की जा रही है।

गत वर्षो में देखा गया था इन पतंगों का जलवा हर साल बसंत पंचमी पर खैर नगर, घंटाघर, गोला कुआं सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर जहां भी पतंगों की बिक्री होतीहै। वहां हर साल राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं की पतंगे देखने को मिलती थीं। जिनकी बिक्री भी बड़ी संख्या में होती थी। लेकिन इस बार इस तरह की पतंगे सिर्फ उन्हीं दुकानों पर देखने को मिल रही हैं। जिनके पास पिछले साल की पतंगे रखी हुई हैं।