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Arvind Singh Gop Vs Ritesh Singh: दरियाबाद सीट पर मुकाबला हुआ रोचक, जिसका सपा ने काटा टिकट… अब वो निर्दलीय मैदान में

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जितेंद्र कुमार मौर्य, बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में दरियाबाद विधानसभा जिले की हॉट सीट बनी हुई है। यहां हड़हा स्टेट के राजा के बेटे का समाजवादी पार्टी से टिकट कटने के आहत में निधन हो गया था, जिसके बाद रानी ने बेटे को निर्दलीय चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया और शनिवार को पर्चा दाखिल करने की घोषणा की है।

चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाने वाले ठाकुर बाहुल्य दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र में 6 बार के विधायक एवं सपा सरकार में मंत्री रहे हड़हा स्टेट के स्व. राजा राजीव सिंह की पत्नी राजमाता सुधा सिंह ने अपने हजारों समर्थकों के बीच बेटे रितेश सिंह उर्फ रिंकू को निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। उनके इस ऐलान के बाद समर्थकों में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। राजा राजीव कुमार सिंह के निधन के चौथे दिन हुए इस ऐलान के बाद सभी राजनीतिक दलों में खलबली मचा दी है। राजा रितेश सिंह उर्फ रिंकू लखनऊ के कॉल्विन तालुकेदार्स कॉलेज से हाईस्कूल, इंटर पास करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से 1995 में एमए समाजशास्त्र की पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद पिता राजा राजीव सिंह के साथ 2007 में पूरी तरह से राजनीति में आ गए थे।

रितेश सिंह की जगह अरविंद सिंह गोप को टिकट
टिकट बंटवारे में समाजवादी पार्टी ने राजा राजीव सिंह के बेटे रितेश सिंह का टिकट काटकर पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप को दरियाबाद विधानसभा का प्रत्याशी घोषित किया है। रितेश सिंह ने बताया कि यह चुनौती का समय है, ये क्षण चुनाव लड़ने का नहीं है, लेकिन पिता की इच्छा के सम्मान के लिए चुनाव लड़ना है।

ऐलान से पहले, दिग्गज़ नेताओं की बैठक
निर्दलीय चुनाव लड़ने के ऐलान से पहले कुंडा के राजा रघुराज प्रताप सिंह और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह, राकेश प्रताप सिंह अमनमणि समेत कई नेताओं ने रितेश सिंह व राजमाता सुधा सिंह से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। राजा रघुराज प्रताप सिंह ने राजमाता व रिंकू सिंह से करीब 30 मिनट तक चर्चा की, जिसके बाद रानी सुधा सिंह ने चुनाव लड़ने सार्वजनिक ऐलान कर दिया।

‘पिता की अंतिम इच्छा का सम्मान, जनता की सहमति’
रितेश सिंह ने बताया कि पिता जी ने निधन से पहले सार्वजनिक रूप से इस बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। सपा को निर्णय लेने का दो दिन का मौका दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। रितेश सिंह ने बताया कि पिता जी और हम लोगों ने समाजवादी पार्टी में 16 वर्षों से लगातार पूरे तन-मन के साथ सेवा की, लेकिन टिकट कटने से आहत उनके निधन के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में किसी ने आंसू पोछने या संवेदना तक व्यक्त नहीं की। इस बात से भी काफ़ी आश्चर्य में हूं।

हजारों समर्थकों के सामने ऐलान करते हुए रितेश सिंह ने कहा कि हमारे पिताजी की यह अंतिम इच्छा थी, जिनके सम्मान में हम निर्दलीय चुनाव लड़ने जा रहे हैं। हमारे पिताजी के सभी शुभचिंतकों हिंदू हों या मुसलमान, छोटा हो या बड़ा सब ने मिलकर के हमें संभाला है। हमारी ताकत पूरे दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र की जनता है। रितेश सिंह ने बताया कि इस देवतुल्य जनता के सामने हम अपना पक्ष रखने जा रहे हैं और शनिवार को चुनाव लड़ने के लिए पर्चा दाखिल करेंगे।