संतों ने एक बार फिर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित किए जाने के संकल्प को दोहराते हुए इस संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया है। काशी सुमेरु पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज ने दो टूक कहा, अब सरकार सांविधानिक रूप से भी भारत को ‘सनातन वैदिक हिंदू राष्ट्र’ घोषित करे। धर्माचार्यों ने पहले ही धर्मादेश जारी करके भारत को ‘सनातन वैदिक हिंदू राष्ट्र’ घोषित कर दिया है। संतों का चिंतन सदैव राष्ट्र के हित के लिए ही होता है, देश के लिए संतों के त्याग और बलिदान की गौरवशाली परंपरा रही है।
वहीं संत सम्मेलन के अध्यक्ष जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा, देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हिंदुओं को एकजुट होना होगा। जुटे धर्माचार्यों ने कहा, देश के लिए संतों ने सदैव त्याग किया है। सम्मेलन के दौरान मठ मंदिर अधिग्रहण अधिनियम को समाप्त करने और इसके संचालन के लिए धर्माचार कमेटी गठित किए जाने की भी मांग की गई।
जगद्गुरु स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज के महावीर मार्ग-संगम लोवर मार्ग चौराहा स्थित शिविर में हुए संत सम्मेलन में स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज ने संतों का स्वागत किया। सम्मेलन में रसिक पीठाधीश्वर स्वामी जनमेजय शरण जी महाराज, जगद्गुरु रामानुजाचार्य, स्वामी घनश्यामाचार्य जी महाराज, मानस केशरी स्वामी रामलखन, स्वामी हरिप्रपन्नचार्य, स्वामी बृजभूषणानन्द जी महाराज सहित बड़ी संख्या में संत मौजूद थे।
पाटोत्सव आज
जगद्गुरु स्वामी कृष्णाचार्य जी महाराज के महावीर मार्ग-संगम लोवर मार्ग चौराहा स्थित शिविर में पांच फरवरी को सुबह नौ बजे से पाटोत्सव मनाया जाएगा।
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