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Schools And Colleges Reopen: 2022 में पहली बार स्कूल-कॉलेजों में पहुंचे स्टूडेंट्स, कोरोना की तीसरी लहर के बाद शुरू हुई पढ़ाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार के दिशा-निर्देश के बाद प्रदेश में नौवीं कक्षा से ऊपर के शैक्षणिक संस्थान खुलने (School & College Reopening) लगे हैं। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी का आदेश आने के बाद स्कूलों को खोलने संबंधी निर्णय कई स्कूलों के स्तर पर लिया गया। इससे संबंधित सूचना अभिभावकों को रविवार को ही भेजी गईं। हालांकि, कई स्कूलों की ओर से स्कूलों को खोलने (School and College Reopen) को लेकर सोमवार को बैठक कर निर्णय लेने की बात कही गई है। वर्ष 2022 के 38 दिन बीतने के बाद बच्चों ने आखिरकार स्कूल का मुंह देखा।

कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों के लिए सोमवार को भी ऑनलाइन कक्षाओं का ही आयोजन हुआ। वहीं, हाईस्कूल स्तर की कक्षाओं के बच्चों में स्कूल जाने का उत्साह देखा गया। वार्षिक परीक्षा आने वाली है। ऐसे में अब तैयारियों के लिए काफी कम समय बचा है। इसको देखते हुए स्टूडेंट किसी भी स्थिति में कक्षाओं को मिस नहीं करना चाहते हैं। स्कूलों की ओर से भी रूटीन भेज दिया गया है। इसके अलावा अब कॉलेजों में भी कक्षाओं की शुरुआत हो रही है। हालांकि, सोमवार को लखनऊ में सुबह से ही कोहरा और ठंडी हवाओं के कारण अभिभावकों की परेशानी देखी गई। ठिठुरन से बच्चे भी परेशान दिखे।

कोरोना की लहर मंद पड़ने के बाद हुआ फैसला
कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के कारण दिसंबर 2021 के आखिर में स्कूल-कॉलेजों को बंद किया गया था। पिछले दिनों अन्य राज्यों में भी स्कूल-कॉलेजों के खुलने के बाद प्रदेश के स्कूल-कॉलेजों को खोलने की मांग शुरू हो गई थी। निजी स्कूलों की ओर से सरकार से इस संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया गया था। पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई टीम-9 की बैठक में कोरोना की लहर घटता देखकर कक्षा 9 से लेकर ऊपर तक के स्कूल-कॉलेजों को खोलने की अनुमति दे दी गई।

कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन जरूरी
शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन जरूरी किया गया है। सरकार की ओर से सभी बच्चों, शिक्षकों और कर्मचारियों को मास्क में आना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा शिक्षक और कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज को अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा सभी स्कूल और कॉलेजों में कोविड हेल्पडेस्क के गठन का निर्देश दिया गया है। प्रशासनिक पदाधिकारी समय-समय पर कोरोना गाइडलाइन के अनुपालन की जांच करने पहुंचेंगे।

स्कूलों में अब सिलेबस को पूरा कराने की कोशिश
स्कूलों में अब सिलेबस पूरा कराने की कोशिश होगी। शिक्षकों ने बताया कि ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थिति और पढ़ाई दोनों ही कम होती है। इससे वार्षिक परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो रही थी। दूसरी लहर निपटने के बाद बच्चों को नई कक्षा की तैयारी करने के लिए काफी कम समय मिला है। दिसंबर के आखिर से कक्षाएं बंद होने से भी प्रभाव पड़ा है। अब सिलेबस को पूरा कराने के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। बच्चों के लिए डाउट सेशन रखे जाएंगे ताकि उन्हें होने वाली किसी भी दिक्कत का समाधान किया जा सके।

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