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UP Election 2022: ठाकुरों की बाईसी में जोर आजमाइश, इस विधानसभा सीट पर दिलचस्प है मुकाबला

सार
एत्मादपुर विधानसभा सीट पर भाजपा, सपा-रालोद ने क्षत्रिय प्रत्याशी तो बसपा व कांग्रेस से बघेल प्रत्याशी पर दांव खेला है। भाजपा दोबारा सीट पर काबिज होने के लिए दमखम दिखा रही है तो सपा व बसपा भी पूरी ताकत से मैदान में डटी है। 

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आगरा में ठाकुरों की बाईसी कही जाने वाले एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए कड़ा मुकाबला है। भाजपा और सपा-रालोद ने क्षत्रिय प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं तो कांग्रेस और बसपा ने बघेल प्रत्याशी पर दांव लगाया है। प्रत्याशियों की जोर आजमाइश से इस सीट पर हर दिन गणित बदल रहा है। हाल की परिस्थितियां मुकाबला त्रिकोणीय बता रही हैं।  

बीते विधानसभा चुनाव में पहली बार एत्मादपुर सीट से जीत का स्वाद चखने वाली भाजपा ने मौजूदा विधायक रामप्रताप चौहान के बजाय डॉ. धर्मपाल सिंह पर भरोसा जताया है। बीते चुनाव में ये बसपा के लड़ाके थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। ये क्षेत्र में लोकप्रिय जरूर हैं, लेकिन बसपा और सपा-रालोद से कड़ी टक्कर मिल रही है। 

सपा-रालोद से डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान मैदान में

सपा-रालोद से डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान मैदान में हैं। दोनों दलों के गठबंधन का इनको फायदा मिलने के आसार हैं। ऐन चुनाव के मौके पर भाजपा छोड़कर बसपाई हुए जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल भी पूरी दम लगाए हुए हैं। पार्टी के परंपरागत वोट इनकी मजबूती बने हुए हैं। 

कांग्रेस से युवा ग्राम प्रधान शिवानी बघेल ने चुनावी ताल ठोंकी है। एकमात्र महिला प्रत्याशी हैं और लड़की हूं, लड़ सकती हूं का नारा इनके लिए प्लस प्वाइंट हैं। आम आदमी पार्टी ने दलित पर दांव खेला और सुमित जाटव मैदान में हैं। दिल्ली में केजरीवाल के काम, एकमात्र दलित प्रत्याशी होना, इनकी ताकत है। 
विकास, दल की नीति-रीति का गुणाभाग कर जनता देगी वोट
महर्षि विश्वविद्यालय लखनऊ में मनोविज्ञान विभाग के डॉ. दुष्यंत सिंह का कहना है कि एत्मादपुर में प्रत्याशी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंके हुए हैं। मुकाबला दिलचस्प हुआ है और त्रिकोणीय प्रतीत हो रहा है। मैं भी एत्मादपुर क्षेत्र का निवासी हूं और यहां की जनता क्षेत्र के विकास के साथ दल की नीति-रीति का गुणा-भाग करके ही मतदान करेगी।
भाजपा को सपा-रालोद, बसपा से मिल रही कड़ी टक्कर 
आरबीएस कॉलेज के प्राचार्य रहे डॉ. जवाहर सिंह धाकरे ने कहा कि भाजपा के धर्मपाल सिंह के सामने सपा-रालोद से सजातीय प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह चौहान और बसपा से राकेश बघेल के आने के बाद मुकाबला कड़ा हो गया है। मतदाता राजनीतिक दल की विचारधारा से भी प्रेरित हैं। ऐसे में मतदाता प्रत्याशी और दल को देखकर मतदान करेंगे।
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
441887 : मतदाता
80 हजार – ठाकुर
78 हजार – अनुसूचित जाति
60 हजार – ब्राह्मण
45 हजार – बघेल
38 हजार – यादव
30 हजार – मुस्लिम
24 हजार – जाट
20 हजार – कुशवाहा

एत्मादपुर विधानसभा का चुनावी इतिहास

चुनाव
विजयी प्रत्याशी
 दल
1951
उल्फत सिंह चौहान 
कांग्रेस
1957
राम सिंह  
निर्दलीय
1962
शिवचरण (उत्तर)  
सोशलिस्ट पार्टी
1962
मुल्तान सिंह (दक्षिण) 
सोशलिस्ट पार्टी
1974 
शिवचरण लाल
भारतीय क्रांति दल
1977 
चंद्रभान मौर्य 
जनता पार्टी
1980
महाराज सिंह 
कांग्रेस (आई)
1984
चंद्रभान
लोकदल
1989
चंद्रभान मौर्य
जनता दल
1991
चंद्रभान मौर्य
जनता दल
1993 
चंद्रभान मौर्य
समाजवादी पार्टी
1996 
गंगा प्रसाद पुष्कर
बहुजन समाज पार्टी
2002
गंगा प्रसाद पुष्कर
राष्ट्रीय लोकदल
2007
नारायण सिंह
बहुजन समाज पार्टी
2012
डॉ. धर्मपाल सिंह
बहुजन समाज पार्टी
2017 
रामप्रताप सिंह
भारतीय जनता पार्टी
निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार

विस्तार

आगरा में ठाकुरों की बाईसी कही जाने वाले एत्मादपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के लिए कड़ा मुकाबला है। भाजपा और सपा-रालोद ने क्षत्रिय प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं तो कांग्रेस और बसपा ने बघेल प्रत्याशी पर दांव लगाया है। प्रत्याशियों की जोर आजमाइश से इस सीट पर हर दिन गणित बदल रहा है। हाल की परिस्थितियां मुकाबला त्रिकोणीय बता रही हैं।  

बीते विधानसभा चुनाव में पहली बार एत्मादपुर सीट से जीत का स्वाद चखने वाली भाजपा ने मौजूदा विधायक रामप्रताप चौहान के बजाय डॉ. धर्मपाल सिंह पर भरोसा जताया है। बीते चुनाव में ये बसपा के लड़ाके थे और दूसरे नंबर पर रहे थे। ये क्षेत्र में लोकप्रिय जरूर हैं, लेकिन बसपा और सपा-रालोद से कड़ी टक्कर मिल रही है। 

सपा-रालोद से डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान मैदान में

सपा-रालोद से डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान मैदान में हैं। दोनों दलों के गठबंधन का इनको फायदा मिलने के आसार हैं। ऐन चुनाव के मौके पर भाजपा छोड़कर बसपाई हुए जिला पंचायत अध्यक्ष राकेश बघेल भी पूरी दम लगाए हुए हैं। पार्टी के परंपरागत वोट इनकी मजबूती बने हुए हैं।