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‘सुनो केजरीवाल…सुनो योगी’, यूपी के रण में आधी रात को ट्विटर युद्ध, छत्तीसगढ़ तक पहुंची रणभेरी की आवाज

लखनऊ : चुनावी चीख में भाषा का स्तर ‘तार-तार’ हो रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव का सियासी पारा अपने चरम पर है। ‘गर्मी और चर्बी’ से बात आगे बढ़ गई है। दो राज्यों के मुख्यमंत्री एक दूसरे को ‘सुना’ रहे हैं। लैंग्वेज ऐसी की अब पूरी दुनिया सुन रही है। सोमवार देर रात को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बाद एक कई ट्वीट करके दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला तो वहीं केजरीवाल ने भी ट्वीट कर जवाब दिया। योगी ने जहां ‘सुनो केजरीवाल’ से संबोधन किया तो वहीं अरविंद केजरीवाल ने भी ‘सुनो योगी’ से शुरुआत की।

योगी ने अपने ट्वीट में क्या कहा
‘सुनो केजरीवाल,
जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया। छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया।’
आपको मानवताद्रोही कहें या…।

‘केजरीवाल को झूठ बोलने में महारथ हासिल है। जब पूरा देश आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से जूझ रहा था तब केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों को दिल्ली से बाहर का रास्ता दिखा दिया।’

‘बिजली-पानी का कनेक्शन काटा व सोते हुए लोगों को उठा-उठा कर बसों से यूपी बॉर्डर पर भेजा गया। अनाउंसमेंट कर कहा गया कि आनंद विहार के लिए बसें जा रही हैं, उससे आगे यूपी-बिहार के लिए बसें मिलेंगी। यूपी सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए बसों का इंतजाम किया और उन्हें सुरक्षित वापस लाई।’

अरविंद केजरीवाल का जवाब
‘सुनो योगी,
आप तो रहने ही दो। जिस तरह UP के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे। आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा।’

संजय सिंह ने भाषा पर उठाए सवाल
वहीं, आप नेता संजय सिंह ने योगी आदित्यनाथ की भाषा पर सवाल उठाए हैं। संजय सिंह ने भी ट्वीट के जरिए जवाब दिया।
‘सुनो आदित्यनाथ।
क्या तुमको नही लगता की तुम्हारी भाषा मुख्यमंत्री के बजाय चौराहा छाप नेता की है?’

योगी-केजरीवाल के झगड़े में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की एंट्री
अरविंद केजरीवाल और योगी आदित्यनाथ के ट्विटर वॉर में छत्तीसगढ़ कांग्रेस की भी एंट्री हो गई है। अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से उसने दोनों लोगों को जवाब दिया।
‘सुनो योगी-केजरीवाल,
तुम दोनों ये नूरा कुश्ती करके देश को बेवकूफ न बनाओ।
सच तो ये है कि जनता की दोनों को कोई फिक्र नहीं।
दोनों ही नागपुर वालों के “Arvind Now” और “Yogi Now” हो।’

बिना नाम लिए कांग्रेस का तंज
दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों में आधी रात को छिड़े ट्विटर वॉर पर कांग्रेस पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया। मगर इसमें किसी का नाम नहीं लिया गया। सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कांग्रेस पर तीखा आरोप लगाए थे। कांग्रेस ने अपने ट्वीट में बस इतना कहा कि ‘राजा के मन में बहुत घबराहट है, ये गद्दी जाने की आहट है।’

केजरीवाल-योगी में क्यों छिड़ी जंग?
दरअसल, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए बयान पर पलटवार किया। उन्होंने पीएम के उस बयान को ‘झूठ’ करार दिया कि दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों से दिल्ली छोड़कर जाने के लिए कहा था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए मोदी ने दिल्ली सरकार पर माइक्रोफोन का इस्तेमाल करके रिहायशी इलाकों में जाकर लोगों से शहर छोड़ने के लिए कहने का आरोप लगाया था। मोदी के लोकसभा में दिए भाषण की एक वीडियो क्लिप टैग करते हुए केजरीवाल ने उनके बयान को ‘सरासर झूठ’ करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री का यह बयान सरासर झूठ है। देश उम्मीद करता है कि जिन लोगों ने कोरोना काल की पीड़ा को सहा, जिन लोगों ने अपनों को खोया, प्रधानमंत्री जी उनके प्रति संवेदनशील होंगे। लोगों की पीड़ा पर राजनीति करना प्रधानमंत्री जी को शोभा नहीं देता।’

दिल्ली सरकार पर ये बोले थे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में कहा था कि ‘उस समय दिल्ली में ऐसी सरकार थी, जो है, उस सरकार ने तो जीप पर माइक बांध करके दिल्ली की झुग्गी-झोपड़ी में गाड़ी घुमाकर लोगों से कहा कि संकट बड़ा है भागो, गांव जाओ। घर जाओ और दिल्ली से जाने के लिए बसें दी, आधे रास्ते छोड़ दिया और श्रमिकों के लिए मुसीबतें पैदा की और उसका कारण यह हुआ कि यूपी, उत्तराखंड, पंजाब में जिस कोरोना की इतनी गति नहीं थी इस पाप के कारण कोरोना तेजी से फैल गया।’