कमलनाथ सरकार का एक साफ़ पूरा हो चूका हैं। कई उतार चढ़ाव के बावजूद प्रदेश में कमलनाथ सरकार का मज़बूती के साथ एक साल सफलतापूर्वक गुज़र गया। ये एक साल भले ही प्रदेश सरकार का सफलतापूर्वक गुज़र गया हो, लेकिन आने वाला साल शायद सरकार के लिए कुछ दिक्कते खड़ी कर सकता हैं।
दरअसल, बीते एक साल में कई बार मंत्री मंडल में फेरबदल की चर्चा चली। लेकिन फिर मामला टलता गया। अब नए साल में पार्टी जब मज़बूत हुई है तो विधायकों और कार्यकर्ताओं की उम्मीद भी परवान चढ़ रही हैं। पिछले साल 25 दिसंबर को सीएम कमलनाथ ने कैबिनेट का गठन किया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब 29 विधायकों को सीधे मंत्री दर्जा दिया गया।
ऐसे में अब एक दर्जन विधायक मंत्री मंडल के विस्तार का इंतज़ार कर रहे हैं। जबकि कई नेता निगम मंडल में नियुक्ति के लिए टिकटिकी लगाए बैठे हैं। इनमें से कई ऐसे नेता हैं जिनका किरदार सामने के बजाए कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम रहा हैं। बता दे कि सरकार जल्द ही मंत्री मंडल का विस्तार करेगी, जिनमे ऐसे विधायकों को जगह दी जाएगी जिन्हे पहले किसी कारण मौका नहीं मिला था।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस विधायक केपी सिंह, एदल सिंह कंसाना और राज्यवद्र्धन सिंह दत्ती गांव के नाम पर विचार किया जा सकता हैं। इसके अलावा बसपा से संजीव कुशवाह और रामबाई का नाम भी आगे चल रहा हैं। वहीं, निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर, केदार डाबर, विक्रम सिंह राणा के नाम भी इसमें शामिल हैं। साथ ही समाज वादी पार्टी के इकलौते विधायक राजेश शुक्ला भी इसमें मौजूद है, जिन्हे कमलनाथ सरकार अपने नए मंत्री मंडल में शामिल कर सकती हैं।
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