10-2-2022
शैक्षणिक संस्थानों में वर्दी का चयन होना ही नहीं चाहिए। सब बच्चों के लिए समान ड्रेस कोड ही मुद्दे को हल कर सकता है। कर्नाटक के स्कूल में हिजाब मामले को लेकर जो माहौल बनाया जा रहा है उससे भारत की छवि खराब करने व भड़काने वाली सोच को बल मिल रहा है।
अब पाकिस्तान और तुर्की जैसे देशों से जो प्रतिक्रिया हिजाब मामले में सामने आई हैं उससे यह समझा जा सकता है । हिजाब मामला अवसरवादी राजनीति का ही उदाहरण बन रहा है। मामले को जो तूल दिया जा रहा है वह बेवजह है। हमारे देश के मामलों का अंतर्राष्ट्रीय करण यानि बाहरी शक्तियों की दखल अंदाजी इस लोकतंत्र की द़ृष्णिकोण से हानिकारक है।
वर्तमान में देखा जाये तो जो बातें सामने आई हैं इस पूरे मामले में वह यह है कि विश्व के मुस्लिम राष्ट्रों में जो अधिकतर भारत के खिलाफ भारतीय मुसलमानों को भड़काने की सोचते रहते हैं ऐसे लोगों को मौका मिलने की देरी है और वह भारत में गृहयुद्ध करवाने की नापाक हरकतें करने लगते हैं । ऐसा ही हमने किसान आंदोलन के समय और सीएए के विरोध प्रदर्शन के दौरान भी देखा था। ऐसी भारत विरोधी ताकतों से सावधान रहने की हमारे देशवासियों को जरूरत है।
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