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UP Election: अखिलेश के बाद कांग्रेस ने योगी के खिलाफ उतारा महिला प्रत्याशी, जानिए कौन हैं चेतना पांडेय

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अनुराग पाण्डेय, गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले की शहर विधानसभा सीएम योगी आदित्यनाथ के लड़ने से वीआईपी सीट बन चुकी है। इस सीट पर पूरे प्रदेश की निगाह है। अभी कुछ ही दिन पहले समाजवादी पार्टी ने भाजपा के कद्दावर नेता स्व. उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी शुभावती शुक्ला को योगी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं अब कांग्रेस ने भी यहां से महिला चेहरा चेतना पाण्डेय को टिकट देकर गुरुवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में छात्र राजनीति में सक्रिय रहने वाली चेतना पाण्डेय तीन साल से कांग्रेस पार्टी में सदस्य के रूप में काम कर रही हैं। यूनिवर्सिटी में चेतना पाण्डेय की बोलने की शैली से हर कोई प्रभावित हो जाता था।

गोरखपुर के जगतबेला स्टेशन के बगल में स्थित ग्राम मझगांवा की रहने वाली चेतना पाण्डेय के पिता रेलवे में स्टेशन मास्टर थे। जो अब रिटायर हो चुके हैं। लगभग 38 साल की चेतना पाण्डेय बचपन से ही बोलने में तेज तर्रार थी। वो डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान छात्रों की आवाज बुलंद करने के लिए कई आंदोलन में भी भाग ले चुकी हैं। साल 2005 में अपनी लोकप्रियता की वजह से ही गोरखपुर यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में चेतना पाण्डेय उपाध्यक्ष चुनी गई थीं। छात्र राजनीति के साथ ही चेतना पढ़ाई में भी अव्वल रही हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर अपने नाम के आगे डॉक्टर भी जोड़ लिया है। अब इनको डॉ. चेतना पाण्डेय के नाम से जाना जाता है।

योगी ने गोरखपुर में नामांकन कर दिया है। इस मौके पर यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की राज्य मंत्री सोनम चिश्ती भी मौजूद रहीं। उन्‍होंने कहा कि योगी जी ने हमें मंत्री का दर्जा दिया है। महाराज जी के नामांकन पर हम बहुत खुश हैं। निसंदेह वह विजयी होंगे।

‘गोरखपुर की बेटी को मिले अवसर’
साल 2005 में डीडीयू उपाध्यक्ष डॉ. चेतना पाण्डेय ने एनबीटी डिजिटल से बात करते हुए बताया कि गोरखपुर में विकास के मुद्दे पर वो योगी आदित्यनाथ को चुनौती देंगी। उन्होंने ये भी कहा कि योगी आदित्यनाथ तो बाहरी हैं, इस बार गोरखपुर की बेटी को अवसर मिलना चाहिए। जनता इस बात को जरूर समझेगी। उन्होंने कहा कि गोरखपुर के कई गांव आज भी पक्की सड़क और सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गोरखपुर शहर में हल्की बरसात में भी बाढ़ आ जाती है। इन मुद्दों पर भाजपा भी बोलने से कतराती है।