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UP Election 2022 : चूके तो यूपी बन जाएगा कश्मीर, सहारनपुर के दंगाइयों से गले मिल रहे .. योगी और मोदी ने सेट किया टोन

नोएडा : जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सहारनपुर की रैली (Saharanpur Rally) में पहले फेज वाले इलाकों में न आ पाने के लिए जनता से माफी मांग रहे थे उस समय 50 किलोमीटर दूर शामली में वोट डाले जा रहे थे। मोदी ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) का नाम लिए बिना कहा कि सहारनपुर के गुनहगारों को इन माफियावादियों ने अपना साथी बना लिया है। कर्नाटक में हिजाब विवाद (Hijab Controversy ) का जिक्र किए बिना मोदी ने मुसलमानों तक अपनी भावनाएं पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहन-बेटियों का हक रोकने के लिए नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं, मुस्लिम बहनों को बरगलाया जा रहा है। पीएम मोदी की रैली से कुछ घंटे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मतदाताओं से अपील की। उन्होंने कहा.. आज चूके तो मेहनत पर पानी फिर जाएगा, यूपी को कश्मीर, बंगाल, केरल बनने में देर नहीं लगेगी। रात आठ बजे के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ( UP Assembly Election 2022) के पहले चरण के मतदान में 61.6 प्रतिशत वोटिंग हुई। 11 जिलों की जिन 58 सीटों पर वोटिंग हुई वहां 2017 में 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। हालांकि कुछ पैटर्न तो समझ में आते हैं।

इस बार गाजियाबाद में छह प्रतिशत कम वोटिंग हुई। नोएडा, हापुड़ भी कम। लेकिन मोदी की रैली से सटे शामली और मुजफ्फरनगर जिलों की विधानसभा सीटों पर जमकर वोटिंग हुई। पलायन के मुद्दे वाले कैराना में 75 प्रतिशत, थाना भवन में 65.63 और शामली में 67.5 प्रतिश वोटिंग हुई। कैराना हॉट सीट मानी जाती है जहां भारतीय जनता पार्टी की ओर से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा उठाने वाले हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह मैदान में है। उन्हें समाजावदी पार्टी – राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार नाहिद हसन से चुनौती मिल रही है। मोदी ने सहारनपुर रैली में जब माफियावाद और प्रस्तावकों में राष्ट्रविरोधी लोगों को शामिल करने का आरोप लगाया तो इशारा नाहिद हसन की तरफ भी था। हसन गैंगस्टर एक्ट में जेल में हैं। उनके उम्मीदवार बनाए जाने के तुरंत बाद ही योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा नेताओं ने सपा और आरएलडी पर अपराधियों को संरक्षण देने के आरोप लगाए और ये बड़ा मुद्दा बन गया।

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उधर जयंत चौधरी ने अपने दादा चौधरी चरण सिंह की याद दिलाते हुए जाटों और मुसलमानों से एकजुट रहने की अपील की। जगह-जगह उन्होंने कहा, क्या मैं दंगाई हूं..बाबाजी (योगी) की नजर में सभी गुंडे और माफिया हैं, उनकी नजर में एक गुंडा मैं भी हूं। मैं चौधरी चरण सिंह का पौत्र हूं, क्या कोई यह मान सकता है कि मैं कभी दंगा भड़काऊंगा। जयंत चौधरी और अखिलेश का जोर इस बात पर है किसान आंदोलन की लौ जलती रहे और इससे 2013 के पहले वाली स्थिति पश्चिमी यूपी में कायम रहे। लिहाजा वोटिंग प्रतिशत कुछ तो संकेत देती है। आम तौर पर माना जाता है कि सत्ताविरोधी लहर में वोट प्रतिशत बढ़ जाता है। लेकिन 2007 में 47 प्रतिशत वोटिंग हुई और मायावती ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया था।

UP Chunav: बदला माहौल या वोटरों ने कर दिया खेल, जानिए पहले चरण की वोटिंग का पूरा समीकरण
इस बार का चुनाव बिना लहर वाला है। इसलिए हर इलाके में अलग तरह का पैटर्न है। मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत जैसे इलाकों के सोशल पैटर्न से इसे समझा जा सकता है जहां दंगे और पलायन भी चुनाव में अहम मुद्दा है। ऐसे में योगी ने जब कहा कि चूक गए तो यूपी कश्मीर, केरल, बंगाल बन जाएगा तो लिहाजा ये आखिरी वक्त में वोटर के दिलो दिमाग पर चोट करेगी। फिर कुछ घंटों की वोटिंग के बाद मोदी का भाषण हुआ। यहां बूथ लेवल पर कनफूसिए और सोशल मीडिया में व्हाट्सएप्प की भूमिका भी अहम हो जाती है। मिनटों में संदेश घूमने लगता है कि फलां की तरफ से अग्रेसिव वोटिंग हो रही है। फिर प्रतिद्वंद्वी की तरफ से भी जवाब उसी अंदाज में मिलता है। इस स्थिति में बढ़े वोट प्रतिशत को सत्ताविरोधी लहर नहीं कहा जा सकता।

कई फेज में वोटिंग होने पर आगे का पैटर्न बदला हुआ मिल सकता है। ये तो किसी को नहीं पता कि ईवीएम के भीतर क्या छिपा है पर मैसेंजर्स मोटे तौर पर अगले फेज के इलाकों में संदेश पहुंचा ही देते हैं। फिर इसी के मुताबिक कई बार वोटर भी मन बदल देता है। 2015 के बिहार चुनाव में जब लालू यादव ने आरक्षण मिटाने की साजिश का मुद्दा आगे कर दिया तो शुरुआती चरणों में जहां वोट पड़े वहां आरजेडी आगे रही। लेकिन बाद के दो चरणों के नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए। हालांकि तब तक देर हो चुकी थी। पर ये साफ था कि लालू का काउंटर अटैक करने में बीजेपी ने सफलता पाई। 2020 में भी यही हुआ। यूपी में तो अभी छह फेज बाकी हैं। इसलिए रोचकता बनी रहेगी।