Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

छत्तीसगढ़ में बैंकों द्वारा 39 हजार 170 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का अनुमान

Default Featured Image

कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे के मुख्य आतिथ्य में आज नवा रायपुर स्थित नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंत्री श्री चौबे ने ‘राज्य फोकस पेपर 2022-23’ तथा नाबार्ड इन छत्तीसगढ़ पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, सचिव जल संसाधन श्री अन्बलगन पी., क्षेत्रीय निदेशक भारतीय रिजर्व श्रीमती ए. शिवगामी ने सेमीनार में भाग लिया।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने सेमीनार को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में खेती-किसानी और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई अभिनव योजनाएं शुरू की गई है, जिससे बीते तीन सालों में राज्य में कृषि के क्षेत्र में एक नया बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां की लगभग 75 प्रतिशत आबादी का जीवन-यापन कृषि पर निर्भर है। राज्य के विकास के लिए कृषि का विकास होना जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। कृषि एवं लघु वनोपज से संबंधित प्रसंस्करण उद्योग स्थापित किए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। उन्होंने इस स्थिति को देखते हुए बैंकों से राज्य में आधार स्तर पर ऋण में वृद्धि किए जाने की अपील की। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने राज्य को वित्तीय सहायता और विकास की गतिविधियों में नाबार्ड की भूमिका की सराहना की। इस मौके पर उन्होंने विशेषकर सभी सहकारी बैंकों को अपने-अपने ब्रांच एरिया के क्षेत्र में कम से कम 5 एटीएम स्थापित किए जाने का आग्रह किया, ताकि उपभोक्ता किसान सहजता से राशि का आहरण कर सकें।
नाबार्ड के मुख्य महा प्रबंधक डॉ. डी. रविन्द्र ने सेमीनार में छत्तीसगढ़ में बैंकों द्वारा तैयार की वार्षिक ऋण योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी और राज्य में बुनियादी सुविधाओं के विकास और संवर्धन में नाबार्ड की भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। सेमीनार में जानकारी दी गई कि वर्ष 2022-23 के दौरान छत्तीसगढ़ राज्य में 39 हजार 170 करोड़ का ऋण अनुमान किया गया है, जिसमें से कृषि क्षेत्र का हिस्सा 21805 करोड़ रूपए है। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योग हेतु 12556 करोड़ रूपए की ऋण संभाव्यता का आकलन किया गया है।
संगोष्ठी में संचालक संस्थागत वित्त श्रीमती शीतल शाश्वतवर्मा, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, संचालक उद्यानिकी श्री वी. माथेश्वरन, संयोजक एसएलबीसी, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक प्रबंध संचालक, अपेक्स बैंक, बैंकों के क्षेत्रीय प्रभारियों और छत्तीसगढ़ सरकार के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।