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Unnao Kand: दलित युवती की दोनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई अलग, परिजन बोले बिना परीक्षण नहीं जाने देंगे शव

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संदीप तिवारी, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उन्नाव (Unnao) में बीते दिनों दलित समुदाय की एक युवती की हत्या (unnao dalit girl murder case) के मामले में नया खुलासा हुआ है। परिजनों मांग पर मंगलवार को मृतका का दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। FSL एक्सपर्ट डॉ. जी खान ने भी माना कि दोनों रिपोर्ट अलग हैं। पहली रिपोर्ट में इंजरी का होना नहीं दर्शाया गया था। वहीं, पीजीआई पैनल के पोस्टमार्टम में इंजरी आई है। इसके बाद युवती के परिजन बिना परीक्षण के शव को पोस्टमार्टम हाउस से नहीं जाने देने की बात पर अड़ गए। पीएम हॉउस में मौजूद एडवोकेट और महिला कांग्रेस की लीगल कोऑर्डिनेट अवनी बंसल ने कहा कि चीफ जस्टिक को पत्र लिखकर मेडिकल बोर्ड गठित कर शव का परीक्षण कराएंगी।

मंगलवार दोपहर मृतका का शव खुदवाने के लिए मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पुलिस चंदन घाट पहुंची। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में घाट से युवती का शव खुदवाकर पोस्टमार्टम हाउस लाया गया। जहां तीन डॉक्टरों की पैनल टीम ने दोबारा पोस्टमार्टम शुरू किया। डॉक्टरों के पैनल में FSL एक्सपर्ट भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक, पैनल टीम में दो पुरुष और एक महिला डॉक्टर मौजूद थीं।

मायावती ने दिया मदद का भरोसा
दरअसल, दलित युवती के अपहरण और हत्या के मामले में एक सपा नेता की कथित भूमिका होने के आरोप लगते के बाद से ही राजनीति गरमा गई थी। मृतका का शव उक्त सपा नेता के खेत के पास से बरामद हुआ था। जिसके बाद बीते रविवार को मायावती ने इस मामले में पुलिस के लचर रवैये की भी आलोचना की थी। लखनऊ में पीड़ित परिवार से मिलीं मायावती ने कहा कि बसपा सरकार बनी तो उन्नाव की इस बेटी को न्याय जरूर मिलेगा। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने परिजनाें को हर संभव मदद देने का भी वादा किया।

सपा नेता के बेटे पर आरोप
बीती 10 फरवरी को करीब दो माह से लापता दलित युवती का शव सपा सरकार में मंत्री रहे दिवंगत नेता फतेह बहादुर सिंह के आश्रम के बगल खाली पड़े प्लॉट में दबा मिला था। मंत्री के बेटे रजोल सिंह पर ही युवती का अपहरण के बाद हत्या का आरोप लगा है। पुलिस ने शव मिलने के बाद पोस्टमार्टम कराकर जाजमऊ के चंदन घाट पर अंतिम संस्कार करा दिया था। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में युवती को घाट में दफन कर दिया गया था।

अखिलेश के काफिल के आगे कूदी थी मां
मृतका की मां के मुताबिक, बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने के एक माह तक वह पुलिस के चक्कर लगाती रही लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। पुलिस ने आरोपी रजोल से सख्ती से पूछताछ करना भी जरूरी नहीं समझा। तब कार्रवाई के लिए उन्होंने आत्मदाह करने का फैसला लिया। बीती 24 जनवरी को कार्रवाई नहीं होने से परेशान होकर महिला ने लखनऊ के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र में सपा कार्यालय के पास समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफिले के आगे आत्मदाह का प्रयास किया था।

उन्नाव कांड