मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को कहा कि बेहतर होता यदि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के समर्थन में रैली और जनसभा के लिए मध्य प्रदेश की जगह उन राज्यों में जाते, जहां इस क़ानून को लेकर निरंतर विरोध स्वरुप हिंसा हुई है. कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की शांत धरती पर इस क़ानून के नाम पर लोगों को गुमराह करने और माहौल ख़राब करने के लिये भाजपा नेताओं को आने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘अमित शाह जी आप कांग्रेस को नहीं, जनता को समझाए, जो इस सच्चाई को बेहतर ढंग से जानती है कि केन्द्र सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए और वर्तमान हालातों से ध्यान भटकाने के लिए CAA और NRC जैसे क़ानून को जनता पर ज़बरदस्ती थोपने का काम कर रही है.’
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जनता ने राज्य में कांग्रेस को पूरे पांच वर्ष के लिए प्रदेश की सत्ता की बागडोर सौंपी है. उन्होंने कहा कि इसे जनता की गलती बताकर आप जनादेश का और जनता का अपमान कर रहे हैं. पांच वर्ष बाद पूरी हिम्मत और विश्वास के साथ, काम के आधार पर हम जनता के बीच ज़रूर जाएंगे.
उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव के परिणामों से आपको जनता का रूख समझ लेना चाहिए. कमलनाथ ने कहा, ‘हमने तो एक वर्ष में ही प्रदेश में अपने कामों के आधार पर बदलाव लाकर दिखा दिया है कि सरकार क्या होती है. 365 दिन में वचन पत्र के 365 वादों को पूरा कर बता दिया है कि हम काम में विश्वास रखते है, झूठी घोषणाओं, वादों में नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘प्रदेश की जनता मेरी उम्र नहीं, काम देख रही है. इसी उम्र में उसने मुझ पर विश्वास कर आपकी पार्टी के कई युवा नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेरा है.
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