20-2-2022
विकृत मानसिकता आज भी समाज में जीवंत है, समय बदलता है पर यह सोच समाज में सदैव विद्यमान थी, है और रहेगी। भारत को तोडऩे और इसे इस्लामिक देश बनाने के लक्ष्य के साथ कुछ संगठन ऐसे काम कर रहे हैं, जैसे न जानें भारतीयों ने उनके साथ क्या कर दिया हो? कुछ ऐसे संगठन भारत में काफी समय से संचालित हैं, जिनका हाथ हर उस भारत विरोधी काण्ड में होता है, जो भारत को विभाजित करने का लक्ष्य रखते हैं। ऐसा ही एक संगठन है क्कस्नढ्ढ, जिसे पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया के नाम से जाना जाता है और हर देश विरोधी मामलों के पीछे इस संगठन का हाथ होता है। कई राज्यों ने तो इसे बैन भी किया है, लेकिन अब जरुरत है कि केंद्र सरकार इस संगठन पर पर सख्त कार्रवाई करते हुए इसके समूल विनाश की नींव रखे! और अगर केंद्र सरकार इसमें देरी करती है, तो जल्द ही यह संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेट ऑफ इंडिया (सिमी) 2.0 में परिवर्तित हो सकता है।
यूं तो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (क्कस्नढ्ढ) एक चरमपंथी इस्लामी संगठन है, जो स्वयं को वर्ष 2006 में राष्ट्रीय विकास मोर्चा (हृष्ठस्न) के उत्तराधिकारी के रूप में गठित उसका दूसरा रूप बताता है। इस संगठन के अनुसार इसका ध्येय अल्पसंख्यकों की आवाज़ बनना है, पर आज तक इस संगठन को लेकर जो भी खबरें सामने आई हैं, वो इससे बिलकुल उलट ही है। यह संगठन बीते कई वर्षों से देश विरोधी एवं आतंकी गतिविधियों में संलिप्त पाया जा चुका है। यही कारण है कि इस संगठन पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की पैनी निगाह बनी रहती है, जो देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक भी है। संगठन पर काफी पहले से ही कई हिंसक और चरमपंथी घटनाओं के आरोप लगते आए हैं। केरल और कर्नाटक की पुलिस को पीएफआई केंद्रों में घातक हथियारों के इस्तेमाल के सबूत भी मिले हैं।
अब तक ऐसे कई घटनाक्रम रहे हैं, जिनमें पीएफआई की संलिप्तता पाई गई है। फिर चाहे वो हाल ही में चल रहा हिजाब विवाद हो या पूर्व में हुए कई ऐसे दंगें, जिसने देश को हिलाने का काम किया। ष्ट्र्र और हृक्रष्ट प्रोटेस्ट की बात हो या वर्ष 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की बात, इसके अलावा अगस्त 2020 में बेंगलुरु में हुए दंगे हों या अन्य कोई वीभत्स घटनाज् इन सभी में क्कस्नढ्ढ का सीधा हाथ बताया गया था, जिससे दिल्ली और देश के अन्य कई राज्य दहल गए थे। निस्संदेह, क्कस्नढ्ढ हिंसक और देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा है।
यही नहीं, यह संगठन दंगाइयों को फण्ड देकर उन्हें बढ़ावा भी देता है और ऐसे कई मामले भी सामने आ चुके हैं!
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