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झारखंड में क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी-मगही आउट, RJD का विरोध- विवाद में ना फंसे सरकार

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Ranchi: राज्य सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं की सूची से भोजपुरी और मगही को बाहर किये जाने का फैसला शुक्रवार को लिया. इस संबंध में अधिसूचना भी कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने जारी कर दी है. सरकार में शामिल सत्तारूढ़ दल राजद सरकार के इस फैसले से नाखुश है. पार्टी ने इस पर अपनी आपत्ति भी जतायी है. प्रदेश राजद के कार्यकारी अध्यक्ष संजय सिंह यादव ने पार्टी द्वारा जारी वीडियो में साफ साफ कहा है कि राज्य सरकार को भाषाई विवाद में नहीं फंसना चाहिये. सीएम हेमंत सोरेन को ऐसे विषयों पर अनावश्यक जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिये.

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क्या कहती है पार्टी

शनिवार को संजय सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी का स्पष्ट मानना है कि राज्य के अलग अलग जिलों में अलग अलग भाषाएं हैं. सब जगह एक ही भाषा नहीं बोली जाती. ऐसे में किसी को भाषाई विवाद नहीं खड़ा करना चाहिये. सीएम हेमंत सोरेन की सरकार को बनाने में सभी भाषाई समाज का सहयोग है. राज्य में विभिन्न भाषाई समाज, संस्कृति के लोग हैं जो यहां पले पले बढ़े हैं, पढे लिखे हैं. उनकी भावना का भी ख्याल ऱखा जाना चाहिये. राज्य में खोरठा और दूसरी जनजातीय भाषाओं के अलावे भोजपुरी मगही जैसी भाषाएं भी बोली जाती रही हैं.सरकार इस पचड़े में ना पड़े. भाषाई विवाद में जल्दबाजी ना दिखाये. इससे विरोधियों को बोलने का मौका मिल सकता है.

संजय यादव ने कहा कि भाषा को हटाना जोड़ना सरकार का काम है. अगर सरकार ने भोजपुरी मगही को हटाया है तो वह जोड़े भी. जनता इसी के लिये अपना प्रतिनिधि चुनती है. वह अपना मान सम्मान, तहजीब को सम्मान मांगती है. ऐसे में सरकार भाषाई विवाद में ना फंसे, बेवजह का विवाद ना खड़ा करे.

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