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Terrorist Encounter: 20 फरवरी को ही छुट्टी पर घर आने वाले थे देवरिया के शहीद संतोष यादव, लेकिन आई शहादत की खबर

देवरिया: शनिवार को जम्मू कश्मीर के शोपियां में शहीद हुए संतोष यादव 20 फरवरी को ही छुट्टी पर घर आने वाले थे। शहीद होने से थोड़ी देर पहले ही उन्होंने अपनी पत्नी धर्मशिला से फोन पर बात भी की थी और कहा था- ‘अपना और बच्चों का ख्याल रखना।एक दिन बाद मैं घर आऊंगा।’ पति की बातें याद कर धर्मशिला रोते-रोते बेहोश हो गई। उधर शहीद की मां मैना देवी को अब तक यह यकीन नहीं हुआ है कि उनका बेटा शहीद हो गया है।

संतोष के भाई मनोज भी सेना में हैं तैनात
मदनपुर थाना क्षेत्र के टड़वा गांव निवासी शेषनाथ यादव के दो बेटे हैं। दोनों सेना में ही तैनात हैं। बड़ा बेटा संतोष की तैनाती शोपियां में थी। जबकि छोटा मनोज श्रीनगर में तैनात है। शनिवार को जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों और सेना के जवानों के बीच हुई मुठभेड़ में देवरिया के संतोष यादव समेत दो जवान शहीद हो गए थे। जबकि एक आतंकवादी भी मारा गया था। शहीद की मौत की खबर मिलने के बाद परिवार में कोहराम मच गया। शोकाकुल परिजनों को ढ़ाढस बधाने गांव जवार के लोग भी दरवाजे पर पहुंच गए।

बहन की शादी की तैयारी में जुटे थे संतोष
शहीद के पिता शेषनाथ यादव ने कहा कि बेटा तो देश के लिए शहीद हुआ। मगर हमारा तो सब कुछ लुट गया। हम लोग बेसहारा हो गए हैं। हमारी बहू विधवा हो गई। दो छोटी बच्चियां हैं, उनकी परवरिश कौन करेगा। संतोष अपनी बेटियों को डॉक्टर बनाना चाहता था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही संतोष से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने घर आकर शीघ्र ही बहन की शादी तय करने की बात कही थी। मगर शायद होनी को कुछ और ही मंजूर था। संतोष को जिस दिन घर आना था, उस दिन उसके शहादत की खबर आई ।

टड़वा गांव समेत जवार में है गम का माहौल
संतोष की शहादत से टड़वा समेत अगल बगल के गांवों समेत पूरे जवार में गम का माहौल है। संतोष की दो बेटियां हैं। बड़ी जान्हवी 9 वर्ष की है और छोटी लगभग तीन साल की। संतोष की पत्नी और उनकी मां की हालत देखकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो जा रहे हैं। शहीद की पत्नी ने कहा हमारी सरकार से मांग है कि हमारे बच्चों की परवरिश की व्यवस्था की जाए और इस घटना का बदला लिया जाए।