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Shravasti Assembly Election: पांचवें चरण के रण में बुद्ध की धरती श्रावस्ती में होगा मतदान, समझिए त्रिकोणीय समीकरण

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श्रावस्ती : श्रावस्ती की धरती से महात्मा बुद्ध ने मानवता को शांति का संदेश दिया है लेकिन चुनावी कोलाहल में मतदाताओं के रुख से चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के मन में बेचैनी है। यहां पर दो विधानसभा सीटें हैं। 2017 में हुए चुनाव में यहां की भिनगा सीट बसपा और श्रावस्ती सीट बीजेपी के खाते में गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी श्रावस्ती की जनता ने बसपा के प्रत्याशी को अपना सांसद चुना था। आसपास के जिलों में चुनावी पंडित जहां मुकाबले को भाजपा बनाम सपा बता रहे हैं लेकिन यहां के समीकरण बता रहे हैं कि बसपा मजबूती के साथ चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है।

मुश्किल जीत को बरकरार रखना भाजपा के लिए चुनौती
श्रावस्ती में ध्यान के लिए विख्यात विपश्यना केंद्र से आगे बढ़ते ही कटरा बाजार पड़ता है। यहां मिले युवा आर्यन श्रीवास्तव क्षेत्र के विकास से खुश हैं। पूछने पर बताया कि कुछ ही दूरी पर अब हवाई जहाज उतरेंगे। श्रावस्ती एयरपोर्ट अब लगभग तैयार हो गया है। अब कुछ समय बाद ही यहां से फ्लाइट की सेवा शुरू होगी, यह इस क्षेत्र के लिए बड़ी बात है। कस्बे में ही मिली युवती सौम्या यादव ने कहा कि सपा में हर वर्ग की सुनवाई थी, नौकरी मिलना आसान था। सिर्फ नाम बदलने से सूरत नहीं बदलती है।

2017 में श्रावस्ती सीट से भाजपा महज 445 वोटों के अंतर से जीत पाई थी। भाजपा ने वर्तमान विधायक राम फेरन पांडेय को फिर से टिकट दिया है। सपा ने मोहम्मद असलम राइनी को मैदान में उतारा है। असलम ने पिछली बार बसपा के टिकट पर विधायकी जीती थी लेकिन पार्टी छोड़ने के साथ उन्होंने अपनी सीट भी बदल ली। बसपा ने नीतू मिश्रा को टिकट दिया है। टिकट न मिलने से सपा के बागी मोहम्मद रमजान को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है। शिक्षा में पिछड़ापन और रोजी रोजगार के लिए कोई कारखाना क्षेत्र में नहीं है। यही कारण है कि श्रावस्ती जिले की पहचान श्रमिक जिले के रूप में की जाने लगी है।

इकौना बाजार में मिले व्यापारी सूर्य कुमार कसौधन ने बताया कि कोरोना में हाल बेहाल था, रोजी रोजगार चौपट हो गया। सरकार ने योजनाएं तो चलाईं लेकिन अफसर-नेताओ की मिलीभगत ने गरीबों तक फायदा नही पहुंचने दिया। गरीब गुरबा लोग बहनजी को याद कर रहे हैं। खाद व्यापारी हरी शंकर शुक्ला ने बताया कि 22 फरवरी को पयागपुर में हुई पीएम मोदी की जनसभा के बाद अब क्षेत्र में गोलबंदी भी दिखने लगी है। बीजेपी के लिए मोदी-योगी ही संजीवनी हैं।

अजय त्रिपाठी ने बताया कि क्षेत्र में खेती किसानी ही आय का मुख्य जरिया है, दूर-दूर तक दिखने वाले खेतों में किसान की मेहनत की फसल को छुट्टा जानवर कुछ घंटे में ही बर्बाद कर रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं है। इकौना से आगे गिलौला बाजार में मिले दुकानदार नसीम ने बताया कि बताया कि कांग्रेस के काम को लोग आज भी याद करते है लेकिन उसकी सरकार नहीं बन पाती है। उसे वोट देना वोट बर्बाद करने जैसा है। सपा ही बेहतर है। जैसे-जैसे वोट डालने का दिन नजदीक आ रहे है जातीय और धार्मिक गोलबंदी साफ दिखाई दे रही है।

चार लाख वोटरों वाले इस विधानसभा क्षेत्र में ब्राह्मण और मुस्लिम मतदाता लगभग बराबर है। 90 हजार के आसपास इनकी तादाद बताई जाती है। इसके अलावा 40 हजार के आसपास यादव व गैर यादव पिछड़ी व अनुसूचित जाति के वोट मौजूद है। मजदूरी करने वाले दलित रंगीलाल कहते है कि खाने का बंदोबस्त तो जैसे-तैसे हो रहा है, लेकिन जो मान सम्मान बसपा ने दिया है, वो कहीं नहीं मिला।

2017 में श्रावस्ती का परिणाम

भाजपा रामफेरन पांडेय 79,437सपा मोहम्मद रमजान 78,992बसपा सुभाष सत्या 53,014कुल मतदाता 4,15,483पुरुष 2,19,954महिला 1,95,517अन्य 12
सबके अपनी-अपनी जीत के दावे
भिनगा क्षेत्र में बाढ़, पलायन ओर बेरोजगारी मुख्य समस्या है। 2017 के चुनाव में बसपा के मोहम्मद असलम राईनी ने सपा की इंद्राणी वर्मा को हराकर यह सीट जीती थी। 2007 में भी इस सीट पर बसपा कड़े मुकाबले में जीत गई थी। इस बार सपा ने इंद्राणी वर्मा को फिर से टिकट दिया है। भाजपा ने बहराइच के पूर्व सांसद पद‌्मसेन चौधरी को टिकट देकर अपनी उम्मीदें मजबूत की है। बसपा ने द्दन खान को टिकट टेकर सपा, भाजपा का समीकरण बिगाड़ दिया है। कांग्रेस से गजाला चौधरी मैदान में है।

प्राइवेट बस असोसिएशन से जुड़े गिरिजा प्रसाद पाठक ने बताया कि बीजेपी ने जो कहा, वो करके दिखा। धारा 370 हटाई, राम मंदिर बन रहा है। फ्री राशन बंट रहा है। मोदी जी को मजबूत करने के लिए वोट बीजेपी को दूंगा। भंगहा ब्लॉक में मेडिकल की दुकान चलाने वाले वकार अहमद ने बताया कि उन्हें सपा पसंद है लेकिन चुनाव में कौन बीजेपी को शिकस्त दे पाएगा, इस पर बहुत कुछ निर्भर है।

लक्ष्मण नगर चौराहे पर घड़ी की दुकान चलाने वाले इसरार अहमद ने बताया कि चुनाव में अस्सी बीस की बात लोग कर रहे है। सवाल किया कि क्या यह बातें जायज हैं? चुनाव पहले भी हुआ था लेकिन ऐसा कोई नहीं कहता था। सपा ने ऐसी बातें कभी नहीं कही। उनका झुकाव सपा की ओर दिखा। पटना खरगौरा पर मिले अरविंद पांडे ने बताया कि भाजपाराज में पुलिस बहुत सख्त है। विधायक भी अपने मनमानी कर नहीं पाए। भिनगा बाजार में ईदगाह तिराहा पर ठेला लगाने वाले राम पति दलित है। उन्होंने बताया कि मायावती को सब कम आंक रहे हैं, ऐसा नहीं है। हम सब पहले और अब भी उन्हें पसंद करते है। 3,92,000 के आसपास इस विधानसभा क्षेत्र में मतदाता है। कुर्मी और मुस्लिम मतदाता 70-70 हजार के आसपास है। इसके अलावा 40 हजार के पास ब्राह्मण है। बैकवर्ड ओर दलितों को खासी संख्या मौजूद है।

2017 में भिनगा का परिणाम

बसपा मोहम्मद असलम 76,040भाजपा अलक्षेंद्र कांत सिंह 69,950सपा इंद्राणी वर्मा 57,986कुल मतदाता 3,92,650पुरुष 2,09,846महिला 1,82,775अन्य 29