नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) का जन्म 23 जनवरी 1897 को हुआ था और इस साल देश उनकी 123वीं जयंती मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को कहा कि भारत सुभाष चंद्र बोस के साहस और उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ाई में उनके अमिट योगदान का हमेशा आभारी रहेगा। प्रधानमंत्री ने नेताजी को उनकी 123वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह भारतीयों की उन्नति और कल्याण के लिए खड़े हुए।
मोदी ने सुभाष चंद्र बोस के नाम से पहचाने जाने वाले बोस का जिक्र करते हुए कहा, “23 जनवरी 1897 को जानकीनाथ बोस ने अपनी डायरी में लिखा, ‘दोपहर में बेटे का जन्म हुआ।’ यही बेटा साहसी स्वतंत्रता सेनानी और विचारक बना जिसने अपना जीवन भारत की स्वतंत्रता के लिए सर्मिपत कर दिया।”
नेताजी की वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी – राष्ट्रपति
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने नेताजी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी वीरता और देशभक्ति प्रेरणा देती रहेगी। राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में कहा,”नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उन्हें मेरा नमन। वह हमारे सबसे लोकप्रिय राष्ट्रनायकों और स्वतंत्रता संग्राम के महानतम सेनानियों में से हैं।” उन्होंने कहा कि उनके कहने पर, लाखों भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। उनकी वीरता और देशभक्ति हमें प्रेरणा देती रहेगी।
उपराष्ट्रपति ने कही ये बात
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के आदर्शों का सम्मान करना ही नेताजी के प्रति कृतज्ञ श्रद्धांजलि होगी।
नायडू ने ट्वीट कर कहा, “आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर पुण्य स्मृति को कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं।” स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले स्वाधीनता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 1897 में हुआ था। नायडू ने अपने दक्षिण भारत दौरे का काक्रि करते हुए कहा, “गत सप्ताह अंडमान निकोबार द्वीपसमूह की यात्रा के दौरान, उस स्मारक के दर्शन का सौभाग्य मिला जहां 1943 में नेता जी तथा उनकी आजाद हिंद फौज ने भारत भूमि पर पहली बार आजादी का झंडा फहराया था।”
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