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Russia Ukraine War: यूक्रेन में फंसे फतेहपुर के छात्र, भारत में सलामती की दुआ मांग रहे परिजन

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डॉ. रामू सिंह परिहार, फ़तेहपुर: भविष्य संवारने के लिए यूक्रेन में एमबीबीएस करने गए छात्रों के परिजनों का दिल उनकी सलामती के लिए धड़क रहा है। यूक्रेन में फंसे फ़तेहपुर के दो सगे भाइयों सहित चार छात्रों के परिजन थोड़ी-थोड़ी देर में उनकी सलामती की फोन पर जानकारी ले रहे हैं। वहीं छात्रों के परिजनों ने बताया कि वह जहां पर हैं, वहां फिलहाल कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन फिर भी वह तुरंत ही अपने वतन लौटना चाहते हैं।

यूक्रेन युद्ध मे फंसे बच्चों के परिजनों की धड़कने बढ़ी
यूक्रेन व रूस में जब से युद्ध शुरू हुआ है, तब से वहां पर पढ़ रहे छात्रों के परिजनों के दिल की धड़कन बढ़ी हुई है। वह पल-पल उनको वीडियो कॉलिंग कर वहां की जानकारी ले रहे हैं। साथ ही किसी भी तरह से वहां से निकलने का आग्रह भी कर रहे हैं। यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में पढ़ रहे छात्र युद्ध के कारण वहां पर फंस गए हैं।

शहर के शादीपुर मोहल्ला निवासी डॉक्टर महेश मिश्रा शहर में सागर नामक नर्सिंग होम का संचालन करते हैं। उनके दो पुत्रों में हर्ष मिश्रा चार साल पहले 2018 में और दूसरा बेटा उदय मिश्रा 2020 में गए थे। वहीं शहर के लोधीगंज के रहने वाले विभव लोधी और सिविल लाइंस निवासी हरिश्चन्द्र मिश्रा के बेटे अंकित मिश्रा लगभग ढाई महीने पहले यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई करने गए थे। वह पोर्टिवा शहर में पढ़ाई कर रहे हैं। विभव लोधी के पिता घनश्याम लोधी ने बताया कि बेटा अभी दो माह पहले घर आया था, लेकिन जब लौटा तो उसे इस संकट के बारे में जानकारी ही नहीं थी।
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बेटों की याद में छलक पड़े आंसू
डॉक्टर महेश मिश्रा ने बताया कि, वह और उनकी पत्नी किरन मिश्रा गुरुवार की शाम बात की थी। इस दौरान बेटों की यादों में भावुक माता-पिता की आंखों से आंसू छलक पड़े। उन्हें अपने घरों में ही रहने के लिए कहा गया है। कई दिनों की जद्दोजहद के बाद शुक्रवार की फ्लाइट मिली थी। उन्होंने बच्चों से कॉलिंग के दौरान हुई बातचीत में बताया कि यहां सभी एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं। इसके कारण वह घरों में रह रहे हैं।

ढाई महीने पहले ही गया था बेटा
अंकित के पिता ने बताया कि वह ढाई महीने पहले ही गया था। वह यूक्रेन में रह कर अपनी प्रथम वर्ष की एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है। उसके पिता ने बताया कि गुरुवार की रात 9 बजे के करीब मां नीलम से उसकी वीडियो कॉलिंग के जरिये बात हुई थी। जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से उनकी सांसें अटकी हुई हैं। वह दिन-रात अपने पुत्र की सलामती की दुआ कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अति शीघ्र उनके बच्चों को को वहां से निकालकर अपने वतन लाया जाए।
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यूक्रेन में इमरजेंसी लगी, एयरपोर्ट बंद
यूक्रेन में इमरजेंसी लगी है। सभी एयरपोर्ट बंद हैं, जिसके कारण इन लोगों का आ पाना फिलाहल संभव नहीं दिखाई दे रहा है। उत्तरप्रदेश सरकार ने एक पत्र जारी कर यूक्रेन में फंसे प्रदेश के लोगों के लिए एक एडवायजरी व हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया है।

फतेहपुर में फंसे अपने बेटे से वीडियो कॉल पर बात करते परिजन