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भारत की बौद्धिक संपदा रैंकिंग में सुधार,आईपी स्कोर 38.4 प्रतिशत से बढ़कर 38.6 प्रतिशत पर पहुंचा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास का नित-नए सोपान तय कर रहा है। इसलिए दुनियाभर में देश की साख मजबूत हुई है। अमेरिका के यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने बौद्धिक संपदा अधिकार व्यवस्था पर एक वार्षिक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के अनुसार भारत ने अपने समग्र आईपी स्कोर में 38.4 प्रतिशत से 38.6 प्रतिशत तक सुधार किया है और अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक में 55 देशों में से 43 वें स्थान पर पहुंच गया है।  चैंबर ने कहा कि यह 2016 के बाद से भारत की आईपी नीति व्यवस्था की स्थिति

राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति का आकलन करने का पहला बड़ा प्रयास है। रिपोर्ट के मुताबिक, इनोवेटर्स और क्रिएटर्स बेहतरीन और उज्ज्वल कल देने के लिए लगातार होड़ कर रहे हैं। यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह संकेतक 32 पर स्कोर वृद्धि को दर्शाता है। कुल मिलाकर, भारत अंतरराष्ट्रीय आईपी इंडेक्स में 55 देशों में 43वें स्थान पर है। और भारत के राष्ट्रीय आईपी पर्यावरण की ताकत और कमजोरियों का व्यापक और विस्तृत अध्ययन प्रस्तुत करती है।

भ्रष्टाचार के प्रति मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति रही है। मोदी सरकार की इस सख्ती का असर भी देखाई दे रहा है। पिछले एक साल में भारत में भ्रष्टाचार कम हुआ है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के नवीनतम भ्रष्टाचार संवेदन सूचकांक (सीपीआइ 2021) में भारत एक अंक चढ़कर 85वें स्थान पर आ गया है। 2020 में भारत 86वें स्थान पर था। इस सूचकांक में 180 देशों और क्षेत्रों को अंक दिए गए हैं। इसमें भारत को 40 अंक मिले हैं। वहीं डेनमार्क, न्यूजीलैंड और फिनलैंड 88-88 अंकों के साथ पहले स्थान पर है।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय पासपोर्ट वैश्विक स्तर पर और ज्यादा मजबूत हो गया है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स इंडेक्स में भारतीय पासपोर्ट 7 पायदान ऊपर चढ़कर 83वें स्थान पर पहुंच गया, पिछले साल साल 2020 में यह 90वें स्थान पर था। अब भारतीय पासपोर्ट आपको 60 देशों में वीजा-मुक्त पहुंच की अनुमति देता है। इसके पहले आप सिर्फ 58 देशों में बिना वीजा के जा सकते थे। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स इंडेक्स के मुताबिक हालिया रिपोर्ट में जापान और सिंगापुर शीर्ष रैंकिंग पर बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसका नतीजा है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई) 2022 में भारत लगातार तीसरे वर्ष शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों में अपना स्थान बरकरार रखा है। 9 नवंबर, 2021 को COP-26 की ओर से जर्मनवाच द्वारा रिपोर्ट जारी की गई। इसमें बताया गया कि किसी भी देश ने सभी श्रेणियों में इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं किया कि सीसीपीआई में समग्र रूप से उच्च रैंकिंग प्राप्त कर सके।