मुश्किल की घड़ी में भी जो साथ निभाए सच्चा मददगार वही होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक बार फिर संकटमोचक की भूमिका में हैं। क्योंकि वे हिंदुस्तान को ही अपना परिवार नहीं मानते, बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाला भारतीय उनके परिवार का हिस्सा है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सकुशल स्वदेश वापसी की दिशा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युद्ध-स्तर पर तैयारियां की हैं। यूक्रेन से कुछ लोगों की वापसी हो भी चुकी है। अब यूक्रेन पर हमले के चलते वहां का एयर स्पेस बंद हो गया है,
लेकिन केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए प्लान-B पर काम शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक में तय किया कि भारतीय नागरिकों को पोलैंड के रास्ते भारत लाया जाएगा। मुसीबत के मौके पर घर के बड़े की तरह व्यवहार करने का पीएम मोदी का ये कोई अकेला किस्सा नहीं है। ऐसे सैकड़ों किस्से हैं, जबकि मोदी ने देश-विदेश में मुसीबत में फंसे लोगों की मदद की। पीएम मोदी ज्यादातर ऐसे मदद के मामलों का सार्वजनिक तौर पर जिक्र नहीं किया करते।
उनका मानना है कि बस लोगों की समय पर मदद हो जानी चाहिए। वे कुछ नहीं बताते, लेकिन जिसकी भी मदद होती है, उसके लिए ये जीवन का अमिट हिस्सा बन जाता है। ऐसे ज्यादातर लोग इसलिए सामने नहीं आते, क्योंकि उन्हें लगता है कि अगर पीएम मोदी के मानवीय और करुणामय स्वरूप को बताने वाले किस्से उन्होंने सार्वजनिक किए, तो ऐसा लगेगा मानों वो लोग पीएम मोदी से अपनी निकटता को साबित करने में लगे यूक्रेन में फंसे भारतीयों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर किया जारी
हाई लेवल मीटिंग में यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के वैकल्पिक तरीकों पर चर्चा की गई। इसके लिए हर संभव प्रयास करने पर जोर दिया गया। भारतीय नागरिकों को पोलैंड के रास्ते भारत लाया जाएगा। इसके लिए विदेश मंत्री एस. जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। पोलैंड-यूक्रेन की सीमा पर भारतीय दूतावास ने अपना कैंप लगा लिया है। मीटिंग में पीएम मोदी के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आदि मौजूद रहे।
विदेश सचिव हर्ष वी. शृंगला ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स की मदद से भारतीयों को सीधे यूक्रेन से एयरलिफ्ट करने पर भी विचार किया गया। इसके लिए विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय के साथ संपर्क में है ताकि यूक्रेन की ताजा स्थिति के हिसाब से कदम उठाया जा सकें। इसके लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने भी यूक्रेन के विदेश मंत्री से बात की। विदेश सचिव ने कहा, हमने यूक्रेन की राजधानी कीव से सभी भारतीयों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सड़क मार्गों की मैपिंग कर ली गई है।
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