प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ‘‘ऐतिहासिक अन्याय” को दुरुस्त करने और पड़ोसी देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों से किए गए भारत के ‘‘पुराने वादे” को पूरा करने के लिए संशोधित नागरिकता कानून (CAA) लेकर आई है. मोदी राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की वार्षिक रैली को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त किए जाने का जिक्र किया और कहा कि जम्मू कश्मीर में स्वतंत्रता के समय से ही समस्या थी. कुछ परिवारों और राजनीतिक दलों ने इसे ‘‘जीवित” रखा जिसके परिणामस्वरूप वहां आतंकवाद पनपा.
उन्होंने एनसीसी कैडैटों से कहा कि उनकी सरकार देश को परेशान कर रहीं दशकों पुरानी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास कर रही है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ‘‘ऐतिहासिक अन्याय” को दुरुस्त करने और पड़ोसी देशों में रह रहे अल्पसंख्यकों से किए गए भारत के ‘‘पुराने वादे” को पूरा करने के लिए सीएए लेकर आई है. प्रधानमंत्री ने सीएए के विरोध के संबंध में कहा कि कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक पर कब्जा करने की स्पर्धा में लगे हैं.
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उन्होंने कहा, ‘‘ऐतिहासिक अन्याय को दुरुस्त करने के वास्ते भारत के पुराने वादे को पूरा करने के लिए आज जब हमारी सरकार सीएए लेकर आई है तो कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की खातिर इसका विरोध कर रहे हैं.” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दशकों पुरानी समस्याएं सुलझा रही उनकी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा देश देख भी रहा है और समझ भी रहा है.
मोदी ने कहा कि सीएए का विरोध ऐसे लोग कर रहे हैं जिन्होंने शत्रु सम्पत्ति कानून का भी विरोध किया था. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से वादा किया था कि जरूरत महसूस होने पर वे भारत आ सकते हैं. यही इच्छा गांधी जी की थी और यही भावना 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते (Liaquat–Nehru Pact) की भी थी.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है. हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता.” केंद्र की पूर्ववर्ती सरकारों की ‘‘निष्क्रियता” की निन्दा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सेनाएं जब कार्रवाई के लिए कहती थीं, वे तब भी आगे नहीं जा पाती थीं.”
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