फाजिलनगर : चुनावी बेला में योगी सरकार से कैबिनेट मंत्री का पद छोड़कर आए स्वामी प्रसाद मौर्य का दावा है कि वह भाजपा का सूपड़ा साफ कर देंगे। लेकिन उन्हें खुद फाजिलनगर में जीत के प्रसाद के लिए कठिन तपस्या करनी पड़ रही है। पडरौना छोड़कर नए सीट व नए सिंबल पर आए स्वामी के सामने भाजपा से अधिक मुश्किल उनकी नई पार्टी के पुराने सिपाहसलार ही खड़ा कर रहे हैं।
फाजिलनगर मेन मार्केट से थोड़ी दूर पहले हाइवे पर मोटर रिपेयरिंग की दुकान चला रहे इरफान अंसारी कहते है कि यहां मुकाबला साइकल और फूल के बीच है। इलियास बसपा से लड़ रहे हैं। यहां सक्रिय रहते हैं, लोगों में संपर्क है। मुस्लिम बिरादरी का 25-30% वोट तो उनके साथ जाएगा ही। इससे सपा का ही नुकसान होगा।’ इलियास अंसारी सपा के कुशीनगर के पूर्व जिलाध्यक्ष हैं। टिकट के दावेदार थे। सपा ने स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट दे दिया। इलियास बगावत कर हाथी पर चढ़ गए। हालांकि, बगल में बैठे शेर अली कहते हैं कि युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। महंगाई है। सब लोग एकजुट होकर साइकल के पास जाएंगे।
बदलाव बनाम बाहरी की लड़ाई
चौराहे पर ही पान चबा रहे उदयभान सिंह अखिलेश यादव के रोड शो में जुटी भीड़ का हवाला देकर कहते हैं कि सपा यहां जीतेगी। जनता बदलाव चाहती है। मुस्लिम नहीं बंटेगा। भाजपा सरकार में केवल भाजपा के लोग ही आगे बढ़े हैं। पान लगा रहे शैलेश प्रजापति से नजरें मिली तो उन्होंने मुझे इनके जाने तक चुप रहने का इशारा कर दिया। शैलेश सठियांव के रहने वाले हैं। जाने के बाद बोले, ‘यहीं के बाबू साहब हैं, उनके सामने बोलना नहीं चाहता था। यहां भाजपा का ही जोर है। स्वामी बड़े नेता हैं, आएंगे चले जाएंगे। गंगा बाबू के बेटे तो यहीं रहेंगे।’ भाजपा ने यहां गंगा प्रसाद कुशवाहा के बेटे सुरेंद्र कुशवाहा को टिकट दिया है।
अपनों को भी साधने की चुनौती
सपा में नए आए स्वामी के सामने अपनों और अपनी बिरादरी दोनों को ही साधने की चुनौती है। दुदही के रहने वाले प्रमोद कुशवाहा का कहना है कि स्वामी समाज के बड़े नेता है। लोग बड़े-जोर से उनके साथ लगे हैं। लेकिन सुरेंद्र कुशवाहा भी यहीं के हैं। इसलिए बिरादरी का वोट दोनों में बंटेगा। पासीटोला के बलराम प्रसाद का कहना है कि छोटी बिरादरी के लोगों की जितनी मदद मोदी-योगी ने की उतना किसी ने नहीं किया। इसलिए भाजपा का जोर ज्यादा है। वहीं पास में ही घास काट रही अजीती देवी भी हां में हां मिलाते हुए राशन व आवास गिनाना शुरू कर देती है।
दरअसल, दलित वोट बैंक में भाजपा की यह सेंधमारी विपक्ष के लिए एक नई चुनौती है। इसी विधानसभा में उनकी संख्या 45 हजार से अधिक है। फाजिलनगर में यादव-मुस्लिम वोटर 1.15 लाख से अधिक हैं। यह सपा के कोर वोटर हैं। इसमें बंटवारा रोक लिया तो स्वामी की राहें आसान रहेंगी, नहीं तो मुश्किलें बढ़नी तय हैं। इनके लिए स्वामी की टीम दिन-रात जुटी है। उनके समर्थक वोटरों के बीच यह भी कह रहे हैं कि इलियास को भाजपा के इशारे पर सपा को हराने के लिए उतारा गया है। इसलिए उनको देकर वोट खराब मत करें।
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