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Editorial :- कांग्रेस का हाथ PFI के साथ क्यों?

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4 February 2020

एनआईए और ईडी की जांच से यह स्पष्ट हो चुका है कि यूपी दिल्ली आदि स्थानों पर सीएए के विरोध मेें हुए हिंसक प्रदर्शनों में पीएफआई का हाथ है। यूपी पुलिस के डीजीपी के अनुसार पिछले 4 दिनों में पीएफआई के 108 सदस्य गिरफ्तार। आज भी ४ पीएफआई के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।

पीएफआई के विरूद्ध हुई पुलिस कार्रवाई से और जांच एजेंसियों की कार्रवाई से कांग्रेस के राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा विशेषकर आहत हैं। इसीलिये उनके नेतृत्व में कांग्रेस का एक डेलिगेशन मानवाधिकार आयोग पुलिस के विरूद्ध शिकायत लेकर पहुंचा था।

पीएफआई की पितृ संस्था एसडीपीआई पीएफआई के मुद्द पर अब कांग्रेस और केरल की वामपंथी सरकार आमने सामने हैं अर्थात एक दूसरे के विरूद्ध हो गई हैं।

सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर कथित रूप से  एंटी-सीएए विरोध प्रदर्शनों में घुसपैठ की निंदा की। उन्होंने राज्य में  सांप्रदायिक विद्वेष  पैदा करने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठन एसडीपीआई को दोषी ठहराया।

 यहॉ यह उल्लेखनीय है कि सीएए के समर्थन में बैगलोर के सांसद सूर्या के नेतृत्व में जो रैली निकली थी उसमें एसडीपीआई (पीएफआई) के छ: कार्यकर्ता हथियारों सहित घुस गये थे। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जांच से पता चला कि वे सूर्या तथा अन्य नेताओं की हत्या करना चाहते थे।

इससे केरल के सत्तारूढ़ और विपक्ष की बेंचों के बीच एक मौखिक परिवर्तन हुआ। विजयन ने सवाल किया , “जब मैं एसडीपीआई के नाम का उल्लेख करता हूं तो विपक्ष क्यों उत्तेजित हो रहा है? क्या वे कह रहे हैं कि मुझे एसडीपीआई और उग्रवाद के बारे में बात नहीं करनी चाहिए? “

2018 में एसएफआई कार्यकर्ता अभिमन्यु की हत्या के बाद, केरल सीपीआईएम नेता थॉमस इस्साक ने चरमपंथी धार्मिक संगठनों जैसे पीएफआई और एसडीपीआई के ” सामाजिक बहिष्कार ” का आह्वान किया था ।

एनआईए-ईडी की जांच में यह पता चला कि एसडीपीआई(पीएफआई) ने १२० करोड़ रूपये विभिन्न बैंको में जमा कराये और उसका उपयोग सीएए के विरोध में जो हिंसक प्रदर्शन में किया।

इसी संदर्भ में यह भी पता चला कि कांग्रेस के कपिल सिब्बल तथा दो अन्य वकीलों को भी पीएफआई ने फंडिंग की थी।

यहॉ यह भी उल्लेखनीय है कि  कांग्रेस के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस पीएफआई पर प्रतिबंध के विरूद्ध है।

अर्थात पीएफआई का हाथ कांग्रेस के साथ है।

इसी संदर्भ में मुस्लिम पॉलिटिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जो मिशन उर्दृ साप्ताहिक के संपादक भी हैं ने आज टाईम्स नाऊ के डिबेट में

केरल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पीएफआई के समर्थन के बाद , एसडीपीआई सदस्य कांग्रेस के समर्थन पर प्रतिक्रिया इस प्रकार से दी है:

“पीएफआई फूलों का एक गुलदस्ता बन गया है और हर कोई इसकी खुशबू चाहता है,” टीए रहमानी ।

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