मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार राज्य में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लागू नहीं करेगी। इसका फैसला बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। जहां इसका संकल्प भी पारित कर दिया गया हैं। हालांकि कमलनाथ सरकार इस से पहले भी इस बात को साफ़ कह चुके थे की प्रदेश में इस काले कानून को लागू नहीं किया जाएगा, साथ ही इस कानून को वापस लेने की अपील भी कर चुके हैं। इतना ही नहीं सीएम कमलनाथ इस कानून के विरोध में रैली भी निकाल चुके हैं।
बता दे कि बुधवार को मंत्रालय में सीएम कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक ली। इस बैठक में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ शासकीय संकल्प पारित किया गया। साथ ही इस संकल्प में मोदी सरकार से इस कानून को वापस लेने की भी मांग की गई।
क्या कहा गया संकल्प पत्र में, जानें यहां
सरकार ने अपने शासकीय संकल्प पत्र में कहा कि जनता के मन में उठ रही आशंकाएं दूर की जाएं।
मध्यप्रदेश में इस कानून के विरोध में निरंतर प्रदर्शन देखे गए हैं, जो शांतिपूर्ण रहे।
समाज के सभी वर्गों के लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संविधान की आधारभूत विशेषताओं और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता हैं।
बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के साथ छेड़छाड़ की गई।
सभी को समानता का अधिकार हैं।
मध्यप्रदेश शासन भारत सरकार से नागरिकता संशोधन कानून निरस्त करने का आग्रह करता हैं।
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