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सातवें चरण की दस चर्चित सीटें: मंत्री से लेकर बाहुबली तक की किस्मत दांव पर, सबसे अमीर प्रत्याशी का क्या होगा?

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उत्तर प्रदेश में आखिरी चरण का मतदान वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, मऊ, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली, भदोही और आजमगढ़ की 54 सीटों पर सात मार्च को होना है। इस चरण में बाहुबली धनंजय सिंह, विजय मिश्र से लेकर मुख्तार अंसारी के बेटे तक की किस्मत दांव पर है। वहीं, योगी सरकार के कई मंत्री भी इस चरण में चुनाव लड़ रहे हैं। जानिए सातवें चरण की दस चर्चित सीटों के बारे में…

1. घोसी : योगी कैबिनेट में मंत्री रहे दारा सिंह चौहान इस बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर मऊ की घोसी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। चौहान के खिलाफ भाजपा ने विजय राजभर, बसपा ने वसीम इकबाल और कांग्रेस ने प्रियंका यादव को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में यह सीट भाजपा के फागू चौहान जीते थे। हालांकि, बाद में उन्हें बिहार का राज्यपाल बना दिया गया। 2019 में हुए उप-चुनाव में इस सीट से भाजपा के विजय राजभर जीते थे।

2. ज्ञानपुर : भदोही की ज्ञानपुर सीट से बाहुबली नेता विजय मिश्र चुनाव लड़ रहे हैं। विजय इस बार प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। 2017 में उन्हें निषाद पार्टी ने टिकट दिया था। इस बार भाजपा गठबंधन में शामिल निषाद पार्टी से विपुल दुबे को प्रत्याशी बनाया गया है। सपा ने राम किशोर बिंद और बसपा ने उपेंद्र कुमार सिंह को टिकट दिया है। कांग्रेस की तरफ से सुरेश चंद्र मिश्र को प्रत्याशी बनाया गया है।

3. फूलपुर पवई : आजमगढ़ के फूलपुर पवई सीट से समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रमाकांत यादव को टिकट दिया है। 2017 में समय इस सीट से भाजपा के अरुणकांत यादव ने जीत हासिल की थी। अरुणकांत रमाकांत यादव के बेटे हैं। इस बार भाजपा ने अरुणकांत का टिकट काट दिया है।

4. मोहम्मदाबाद : इस सीट से बाहुबली विधायक रहे कृष्णानंद राय की पत्नी और मौजूदा विधायक अलका राय भाजपा से प्रत्याशी हैं। अलका के खिलाफ सपा गठबंधन ने सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी को टिकट दिया है। मन्नु बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी के बेटे हैं। सपा ने पहले सिबगतुल्लाह अंसारी को ही टिकट दिया था, लेकिन नामांकन से ठीक पहले टिकट बदलकर मन्नु को दे दिया। बसपा ने मध्वेंद्र राय और कांग्रेस ने अरविंद किशोर राय को टिकट दिया है।

5. मऊ : मऊ सीट से इस बार बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को समाजवादी गठबंधन ने टिकट दिया है। अब्बास सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अब्बास के खिलाफ भाजपा ने अशोक कुमार सिंह और बसपा ने भीम राजभर को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने माध्वेंद्र बहादुर सिंह को टिकट दिया है।

6. जहूराबाद : गाजीपुर की जहूराबाद सीट भी चर्चा में है। यहां से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर मैदान में हैं। भाजपा ने ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ कालीचरन राजभर को मैदान में उतारा है। बसपा ने शादाब फातिमा और कांग्रेस ने ज्ञान प्रकाश को टिकट दिया है। पिछली बार इस सीट पर ओम प्रकाश राजभर ने जीत हासिल की थी। हालांकि, तब वह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे। इस बार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठबंधन सपा के साथ है।

7. शिवपुर : वाराणसी की शिवपुर सीट से योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर मैदान में हैं। अनिल के खिलाफ ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, बसपा ने रवि मौर्य और कांग्रेस ने गिरीश पांडेय को टिकट दिया है।

8. पिंडरा : वाराणसी की पिंडरा सीट से इस बार कांग्रेस ने अजय राय को मैदान में उतारा है। अजय की गिनती यूपी कांग्रेस के बड़े नेताओं में होती है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। अजय के खिलाफ भाजपा ने अपने पुराने विधायक अवधेश सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं, सपा गठबंधन से राजेश सिंह और बसपा से बाबूलाल पटेल को टिकट मिला है।

9. मल्हनी : जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट भी इस बार चर्चा में है। यहां से जदयू के टिकट पर बाहुबली धनंजय सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। धनंजय के खिलाफ भाजपा ने कृष्ण प्रताप सिंह और सपा ने लकी यादव को मैदान में उतारा है। बसपा ने शैलेंद्र यादव और कांग्रेस ने पुष्पा शुक्ला को टिकट दिया है।

10. मुबारकपुर : आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट की भी चर्चा हो रही है। यहां से एआईएमआईएम ने मौजूदा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया है। शाह आलम ने 2017 में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की थी। इस बार बसपा ने शाह आलम की जगह अब्दुस्सलाम को प्रत्याशी बनाया है, वहीं कांग्रेस ने परवीन बानो और भाजपा ने अरविंद जायसवाल को टिकट दिया है।

ये सीटें भी चर्चा में

गाजीपुर सीट से योगी सरकार में राज्य मंत्री संगीता बलवंत पर फिर से भाजपा ने भरोसा जताया है। संगीता के खिलाफ सपा गठबंधन ने जैकिशन साहू, बसपा ने विनोद कुमार और कांग्रेस ने सीमा देवी को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में इस सीट पर संगीता ने ही जीत हासिल की थी।
वाराणसी दक्षिण सीट से योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नीलकंठ तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं। नीलकंठ के खिलाफ समाजवादी पार्टी ने किशन दीक्षित, बसपा ने दिनेश कसौधन और कांग्रेस ने मुदिता कपूर को टिकट दिया है।

2017 में क्या हुआ था?
नौ जिलों की जिन 54 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, 2017 में इनमें से 29 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी, जबकि सात सीटों पर भाजपा गठबंधन वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। 11 सीटों पर समाजवादी पार्टी, बसपा के छह और एक सीट पर निषाद पार्टी के प्रत्याशी ने कब्जा जमाया था।