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UP Election: रैलियों और रोड शो के जरिए माहौल बनाने में भाजपा सबसे आगे, जानिए यूपी चुनाव में योगी और अखिलेश ने की कितनी सभाएं

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) के सात चरणों के मतदान के दरम्यान नेताओं ने पश्चिम से लेकर पूरब तक पूरा प्रदेश छान मारा। इसमें भी भारतीस जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) के नेताओं से सबसे ज्यादा मेहनत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) हों या सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सबने हर जिले तक अपनी बात पहुंचाने के लिए रैलियां कीं और रोड शो निकाले। वहीं, समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का पूरा जिम्मा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने संभाले रखा। बसपा की ओर से कमान संभाली बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) और सतीश चंद्र मिश्रा (Satish Chandra Mishra) ने और कांग्रेस का मोर्चा संभाला अकेले प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने।

योगी ने लगाया रैलियों-रोड शो का दोहरा शतक
भाजपा की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ से सबसे ज्यादा मेहनत की। चुनाव के दौरान उन्होंने कार्यक्रमों का दोहरा शतक लगाया और 206 से ज्यादा रैलियां और रोड शो किए। कई जिलों में तो वह 2 से 3 बार गए। वहीं उनके बाद डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी 90 रैलियां और रोड शो किए तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतं‌त्र देव सिंह ने 74 रैलियां और रोड शो किए। राष्ट्रीय नेताओं में सबसे ज्यादा कार्यक्रम गृह मंत्री अमित शाह ने किए। वह भी करीब हर जिले तक पहुंचे और 60 रैलियां और रोड शो किए। प्रधानमं‌त्री नरेंद्र मोदी ने 32 रैलियां और कार्यक्रम किए तो राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी 43 रैलियां और कार्यक्रम किए।

25 जिलों में रथ से गए अखिलेश, 125 से अधिक रैलियां
यूपी में सात चरणों में हो रहे चुनाव का मैराथन प्रचार शनिवार की शाम थम गया। इसके साथ ही सियासी योद्धा रणभूमि से अपने-अपने शिविरों में लौट आए। समर्थकों की उम्मीदों का भार संभाले सपा मुखिया अखिलेश यादव इस चुनाव में अकेले ही साइकल दौड़ाने में जुटे रहे। उन्होंने 275 से अधिक कार्यक्रम किए, जिसमें 125 से अधिक बड़ी रैलियां शामिल थीं। अखिलेश का चुनाव प्रचार दो हिस्सों में बंटा रहा। पार्टी का कहना है कि सपा मुखिया ने 25 जिलों में समाजवादी रथ से विजय यात्रा निकाली। इसमें लखनऊ, रामपुर, बनारस, गोरखपुर से लेकर वेस्ट यूपी, बुंदेलखंड व पूर्वांचल के जिले शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने करीब 150 जगहों पर जनता को संबोधित भी किया और अपना अजेंडा रखा। इसके अलावा अखिलेश ने 125 से अधिक रैलियां की।

ममता का साथ, डिंपल भी निकलीं
इस चुनाव में अखिलेश का हौसला बढ़ाने व प्रचार करने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी पहुंची। उन्होंने लखनऊ में अखिलेश यादव के साथ प्रेस कान्फ्रेंस व वर्चुअल रैली संबोधित की। इसके बाद 3 मार्च को बनारस में भी अखिलेश के साथ एक जनसभा का हिस्सा बनी। कन्नौज से सांसद व पार्टी के स्टार प्रचारकों में शुमार डिंपल यादव व जया बच्चन पांचवे चरण के चुनाव में सक्रिय हुईं। शुरुआती चरण में डिंपल यादव मथुरा में बांके बिहारी के दर्शन के लिए जरूर गई थी। पांचवे चरण में डिंपल ने राज्यसभा सांसद जया बच्चन के साथ कौशांबी के सिराथू में अपना दल ‘कमेरावादी’ की उपाध्यक्ष पल्लवी पटेल के समर्थन में जनसभा की। इसके अलावा प्रयागराज,जौनपुर, आजमगढ़, मछलीशहर, मीरजापुर में भी सभाएं कीं।

नेपथ्य में रहे मुलायम-शिवपाल
सपा की स्थापना के साथ ही उसे शीर्ष तक ले गए संरक्षक व मैनपुरी के सांसद मुलायम सिंह यादव इस बार नेपथ्य में रहे। स्वास्थ्य भी इसकी एक बड़ी वजह रही। मुलायम ने बेटे अखिलेश यादव की करहल विधानसभा में जनसभा की। इसके अलावा उसी दिन इटावा में अखिलेश के समाजवादी रथ पर चढ़े। अखिलेश के चाचा व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव को भी इटावा में ही समाजवादी रथ पर चढ़ने का मौका मिला। इसके अलावा मुलायम के साथ जौनपुर की मलहनी विधानसभा में पारसनाथ यादव के बेटे लकी यादव के प्रचार में भी शिवपाल गए। कुशीनगर की रामकोला व खड्डा सीट पर भी उनकी मौजूदगी रही।

मायावती ने 20, सतीश मिश्र ने 151 सभाएं कीं
बसपा प्रमुख मायावती ने हमेशा की तरह इस बार कुल 20 चुनावी जनसभाएं कीं। उन्होंने 18 मंडल स्तरीय सभाएं कीं। उससे पहले कांशीराम पुण्य तिथि पर अक्टूबर में और एक बड़ा कार्यक्रम लखनऊ में किया था। वहीं पार्टी कार्यलय में एक ब्राह्मण सम्मेलन किया था। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने जुलाई से ही ब्राह्मण सम्मेलनों की शुरुआत कर दी थी। उसके बाद रिजर्व सीटों पर अलग से सभाएं कीं और फिर अधिसूचना जारी होने के बाद कई क्षेत्रों में सभाएं कीं। इस तरह कुल मिलाकर उन्होंने 151 सभाएं इस चुनाव के लिए कीं।

प्रियंका ने 162 सभाएं, 42 रोड शो किए
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 162 सभाएं और 42 रोड शो किए। वहीं 2 वर्चुअल संवाद उन्होंने किए। कांग्रेस की ओर से उन्होंने अकेले ही चुनावी मैदान में पार्टी का मोर्चा संभाला।