15 February 2020
तुर्की के राष्ट्रपति के विरूद्ध राहुल गांधी पाक में चुनाव लड़कर वहॉ के प्रधानमंत्री बन सकते हैं
पाक पीएम इमरान ख़ान ने १४ फरवरी २०२० को कहा, ‘Óमैं दावे के साथ कह सकता हूं कि अर्दोआन ने अगला चुनाव पाकिस्तान में लड़ा तो वो आराम से जीत जाएंगे. मैंने संसद में देखा कि अर्दोआन जब बोल रहे थे तो सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के सांसद मेज थपथपा रहे थे. मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा कि किसी के संबोधन पर संसद में इस तरह से तालियां गूंजी हों. इससे साबित होता है कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति अर्दोवान को किस हद तक चाहते हैं.ÓÓ
राहुल गांधी जिन्हें भाजपा के प्रवक्ता नरसिम्हा राव ने राहुल जिन्ना की संज्ञा दी है, अपनी पाक परस्त नीतियों के कारण और मोदी विरोध के लिये देशविरोध करते हुए देखे जाने के कारण यह कहा जा सकता है कि वे इमरान खान की इस कथन को झुठला सकते हैं कि तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन पाक में चुनाव जीत जाएंगे।
हम यह कह सकते हैं कि तुर्की के राष्ट्रपति के विरूद्ध राहुल गांधी पाक में चुनाव लड़कर वहॉ के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
पाक में प्रधानमंत्री पद बनने के लिये यदि राहुल गांधी चुनाव लड़ते हैं तो नामांकन पत्र में प्रस्तावक के रूप में तैमूर के पिता सैफ अली खान प्रस्तावक बन सकते हैं।
अब सैफ अली खान ने अपने बेेटे का नाम तैमूर रखा है।
सैफ पर मिनीक्षी लेखी का तंज भी रहा है: तैमूर को तुर्की तक में मानते हैं क्रूर लेकिन कुछ लोग उस पर रखते हैं बच्चों का नाम।
इसके पीछे भी कुछ उद्देश्य रहा होगा कि राहुल गांधी को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाने के लिये भूमिका तैय्यार की जाये।
सैफ अली खान ने अपने बेटे का नाम क्यों रखा तैमूर बताई वजह,(परंतु बताई गई वजह वास्तविकता से परे है)
सैफ ने अरबाज खान के शो ‘पिंचÓ पर चैट के दौरान बताया, ‘लोगों को लगता है कि मेरे बेटे का नाम टर्किश मंगोलियन ‘तिमुरÓ के नाम पर है, लेकिन यह गलत है। मेरे बेटे का नाम ‘तैमूरÓ है ना कि ‘तिमुरÓ और इस नाम का अर्थ है ‘आयरनÓ। इसका अर्थ ये है कि ये मजबूती का प्रतीक है। ‘तिमुरÓ और ‘तैमूरÓ दोनों ही शब्दों में बहुत फर्क है।Ó
सैफ अली खान को चाहिये कि वे अपनी बताई वजह को सुधारने के लिये जायें इस लिंक पर /तैमूरलंग।
उक्त वेबसाईट के अनुसार तैमूर लंग अथवा ‘तैमूरÓ [शुद्ध शब्द ‘तिमुरÓ है, जिसका अरबी भाषा में अर्थ है- लोहा] (1336 ई. – 1405 ई.) चौदहवीं शताब्दी का एक शासक था जिसने महान् तैमूरी राजवंश की स्थापना की थी। तैमूर 1369 ई. में समरकंद के अमीर के रूप में अपने पिता के सिंहासन पर बैठा।
तुर्की के राष्ट्रपति आर्दोआन को यह समझ जाना चाहिये कि राहुल गांधी की कांग्रेस पार्टी ने उनके ही देश तुर्की मे अपना कार्यालय इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का कुछ दिनों पूर्व ही खोला है। वे वहॉ यह अध्ययन करना चाहते हैं कि तुर्की के वर्तमान राष्ट्रपति आर्दोऑन से ज्यादा पाकिस्तान परस्त कैसे बन सकते हैं?
रविंद्र नाथ टैगोर की पौत्री शर्मिला टैगोर हैं और शर्मिला टैगोर के पुत्र हैं सैफ अली खान। इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से संबंधित एक्टर का यह कहना कि अंग्रेजों के आने से पहले भारत का अस्तित्व नहीं था एक प्रकार से भारत के विरूद्ध जिहाद है।
राहुल गांधी के बयानों को पाकिस्तान के पक्ष में एक हथियार बनाकर पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ तक में उछाला है।
३७० अनुच्छेद निष्प्रभावी होने के बाद से तो पाकिस्तान के नेताओं यहॉ तक की इमरान को भी विश्वास हो चला है कि राहुल गांधी तुर्की के राष्ट्रपति को ही नहीं बल्कि इमरान खान को भी पाकिस्तान में हराकर वहॉ के प्रधानमंत्री बन सकते हैं।
कश्मीर के मुद्दे पर ३७० अनुच्छेद निष्प्रभावी होने के बाद से पाकिस्तान को पूरे विश्व में जितने भी इस्लामिक देश हैँ उनमें से सिर्फ दो देशों मलेशिया और तुर्की का भी समर्थन मिला है।
इसके अलावा अन्य सभी देश यहॉ तक की सऊदी अरब भी कश्मीर मुद्दे पर ३७० धारा के संबंध में भारत के पक्ष में हैं। सऊदी अरब ने कुछ समय पूर्व सफलता पूर्वक प्रयास किया जिसके कारण मलेशिया मेें हुई मुस्लिम कांफ्रेंंस में पाक का प्रतिनिधित्व करने के लिये इमरान खान नहीं गये।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह के शांतिदूत जाकिर नाईक मलेशिया में ही शरण लेकर वहॉ के हिन्दुओं के विरूद्ध जहर उगल रहे हैं।
११ जनवरी २०२० को लोकशक्ति द्यशद्मह्यद्धड्डद्मह्लद्ब.द्बठ्ठ में मलेशिया के विषय में विस्तृत जानकारी है कि कैसे वहॉ के हिन्दू मुस्लिम बने.. यह भी बताना आवश्यक है कि मलेशिया मेें तामिल के हिन्दू विजयन वंश राजाओं का शासन रहा है। इस विजयन वंश के अंतिम राजा ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था इसके कारण ही उस समय की प्रथा के अनुसार वहॉ के अधिकांश हिन्दुओं ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था।
नया मुल्ला ज्यादा प्याज खाता है इस कहावत को चरितार्थ मलेशिया कर रहा है। इसके पूर्व जिन्ना ने भी उसी कहावत को चरितार्थ किया था क्योंकि जिन्ना के परिवार भी हिन्दू से मुस्लिम बने थे।
इससे भी दो कदम आगे बढ़कर चौका मारते हुए राहुल गांधी और उसकी कांग्रेेस का तो कहना है कि नेहरू-गांधी परिवार के पहले भारत विश्व के नक्शे में था ही नहीं।
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