आइए समझते हैं पूरा मामला….एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस जंग से रक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर खर्च शुरू हो गया है। यूरोपीय यूनियन ने ऐलान किया है कि वह 45 करोड़ यूरो के हथियार खरीदेगा और उसे यूक्रेन का सौपेंगा। उधर, अमेरिका ने कहा है कि वह 35 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त सैन्य सहायता देगा। इससे पहले अमेरिका ने 65 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता यूक्रेन को दी थी। इन सबको मिलाकर अगर देखें तो अमेरिका और नाटो देश 17 हजार ऐंटी टैंक हथियार और 2000 स्टिंगर एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलें भेज रहे हैं।
यूक्रेन जंग से लॉकहीड और रेथियान के शेयर के दाम बढ़ेयही नहीं यूक्रेन में रूस के खिलाफ विद्रोही गुट को पैदा करने के लिए ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की और कनाडा के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बन रहा है। इन सब फैसलों से दुनिया की दिग्गज हथियार निर्माता कंपनियों की चांदी हो गई है। इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि अमेरिकी कंपनी रेथियान स्टिंगर मिसाइल बनाती है। इसके अलावा रेथियान लॉकहीड मॉर्टिन के साथ मिलकर जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल बनाती है जिसे अमेरिका और अन्य नाटो देशों ने बड़े पैमाने पर यूक्रेन को दिया है।
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से ही लॉकहीड और रेथियान के शेयर के दाम क्रमश: 16 प्रतिशत और 3 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। इसके अलावा ब्रिटेन की कंपनी बीएई सिस्टम के शेयर के दाम में भी 26 फीसदी की तेजी आई है। ये कंपनियां अब अपने निवेशकों को होने वाली कमाई के बारे में बता रही हैं। रेथयान ने 25 जनवरी को कहा था कि यूएई में ड्रोन हमले और साउथ चाइना सी में तनाव को देखते हुए रक्षा खर्च बढ़ने जा रहा है। इससे हमें फायदा हो सकता है। अब यूक्रेन की जंग शुरू होने के बाद जर्मनी और डेनमार्क दोनों ने ही रक्षा बजट बढ़ाने का ऐलान किया है।
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