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यूपी : कौशांबी में लचर प्रदर्शन से खतरे में पड़ी सांसद विनोद सोनकर की दावेदारी

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सार
कौशाम्बी लोकसभा की पांचों विधानसभा में मिली पराजय के बाद वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में स्थानीय सांसद विनोद सोनकर की दावेदारी भी खतरे में पड़ गई है। डिप्टी सीएम की हार के बाद सोशल मीडिया में भी विनोद सोनकर को लेकर लोगों द्वारा तमाम तरह के कमेंट भी किए जा रहे हैं।
 

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कौशांबी संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीट 5-0 से गंवाने के बाद वहां के वर्तमान सांसद विनोद सोनकर की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लग गए हैं। इस संसदीय क्षेत्र की हॉट सीट कहे जाने वाली सिराथू विधानसभा से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन से समीक्षा करने को कहा है।

यहां पांचों विधानसभा में मिली पराजय के बाद वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में स्थानीय सांसद विनोद सोनकर की दावेदारी भी खतरे में पड़ गई है। डिप्टी सीएम की हार के बाद सोशल मीडिया में भी विनोद सोनकर को लेकर लोगों द्वारा तमाम तरह के कमेंट भी किए जा रहे हैं।

दरअसल दस मार्च को विधानसभा चुनाव का परिणाम आया तो कौशांबी की सभी पांचों सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। जबकि पिछले चुनाव में कौशांबी जिले की तीनों सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। हालांकि संसदीय क्षेत्र में शामिल प्रतापगढ़ की कुंडा और बाबागंज सीट भाजपा हारी तो जरूर थी, लेकिन उसके प्रत्याशियों को 2022 की तुलना में ज्यादा मत मिले थे।

भाजपा के खाते में 29 प्रतिशत मत ही आए

इस बार यहां पड़े 10.73 लाख मतों में से भाजपा के खाते में 29 प्रतिशत ही मत आए, जबकि सपा/जेएलडी ने 45 फीसदी वोट जुटा लिए।  इस बीच डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हार को लेकर चर्चा यही हो रही है कि उन्हें पार्टी की भितरघात भारी पड़ गई। चुनाव प्रचार के दौरान सभी नेताओं ने केशव के साथ मंच जरूर साझा किया, लेकिन अंदर ही अंदर खेल कुछ और चल रहा था।

कौशांबी संसदीय सीट से लगातार दो बार सांसद रहे विनोद सोनकर की बात करें तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां से 3.83 लाख मत मिले थे, उसकी तुलना में विधानसभा में  वोट काफी घट गया। उधर केशव की हार के बाद सोशल मीडिया में सांसद विनोद सोनकर की सपा प्रत्याशी गुलशन यादव आदि के साथ की फोटो वायरल हो गई है। 

बाबागंज, कुंडा में तीसरे स्थान पर खिसकी भाजपा
कौशांबी संसदीय क्षेत्र की बाबागंज में पार्टी प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा। यहां उसे 30391 मत मिले। इसी तरह कुंडा में भाजपा प्रत्याशी को महज 16455 मत मिले। जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में बाबागंज में पार्टी प्रत्याशी के खाते में 50618 और कुंडा में 32950 मत आए। चायल में भी पिछली बार 85715 मत निवर्तमान भाजपा विधायक संजय गुप्ता को मिले थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा घटकर 75609 पर पहुंच गया। 

बघेल ने कहा, केशव के लिए राष्ट्र और पार्टी सर्वोच्च
मोदी सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अगर सैफई परिवार की तरह 17 दिन सिराथू में बिताते तो नि: संदेह वह वहां से भारी मतों से विजयी होते, लेकिन इससे यूपी की बहुत सी विधानसभाओं में पार्टी की स्थिति कमजोर होती। केशव ने राष्ट्र पहले, फिर पार्टी, अंत में स्वयं के सिद्धांत का पालन किया।

प्रयागराज में विजयी भाजपा के छह विधायकों से ज्यादा वोट मिले केशव को
डिप्टी सीएम को सिराथू विधानसभा सीट में 98941 मत मिले। केशव मौर्य जितने वोट पाकर हारे, उससे कम वोट पाकर प्रयागराज की छह सीटों पर भाजपा व गठबंधन से कुछ छह विधायक बन गए। हर्ष बाजपेयी, नंद गोपाल गुप्ता नंदी, प्रवीण पटेल, गुरु प्रसाद मौर्य, वाचस्पति, पीयूष रंजन निषाद को केशव से कम मत मिले, लेकिन वह विधायक बन गए। सिर्फ सिद्धार्थ नाथ और प्रवीण पटेल के खाते में ही एक लाख से ज्यादा मत आए।

कौशांबी की पांचों विधानसभा में मिले मत का ब्यौरा
विधानसभा का नाम        भाजपा को मिले मत                 विजयी दल को मिले मत 
बाबागंज                             30391                                    67282 (जेडीएल)                
कुंडा                                    16455                                    99612 (जेडीएल)                
चायल                                 75609 (अपना दल)                88818 (सपा)                
मंझनपुर                                97628                                    121506 (सपा)    
सिराथू                                    98941                                    106278 (सपा)    

कुंडा और बाबागंज में राजाभैया के समर्थन और विरोध में ही मतदान होता है। वहां राजाभैया के सपा को हर हाल में हराने के बयान के बाद भाजपा का काफी वोट उन्हें मिल गया। रही बात कौशांबी जिले की तो वहां तीनों विधानसभा में मैने लगातार 25 दिन प्रचार किया। वहां मुझसे बड़े लोग चुनाव प्रचार में जुटे थे। गुलशन यादव के साथ जो फोटो वायरल की गई है वह 2019 में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम की है। उसमें तमाम लोग आए थे। मैं भाजपा का अनुशासित सिपाही हूं, पार्टी जो भी निर्देश देगी उसका पूरा पालन करूंगा। – विनोद सोनकर, सांसद कौशांबी ।

विस्तार

कौशांबी संसदीय क्षेत्र की पांच विधानसभा सीट 5-0 से गंवाने के बाद वहां के वर्तमान सांसद विनोद सोनकर की कार्यशैली पर प्रश्न चिह्न लग गए हैं। इस संसदीय क्षेत्र की हॉट सीट कहे जाने वाली सिराथू विधानसभा से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हार के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन से समीक्षा करने को कहा है।

यहां पांचों विधानसभा में मिली पराजय के बाद वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में स्थानीय सांसद विनोद सोनकर की दावेदारी भी खतरे में पड़ गई है। डिप्टी सीएम की हार के बाद सोशल मीडिया में भी विनोद सोनकर को लेकर लोगों द्वारा तमाम तरह के कमेंट भी किए जा रहे हैं।

दरअसल दस मार्च को विधानसभा चुनाव का परिणाम आया तो कौशांबी की सभी पांचों सीट पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। जबकि पिछले चुनाव में कौशांबी जिले की तीनों सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया था। हालांकि संसदीय क्षेत्र में शामिल प्रतापगढ़ की कुंडा और बाबागंज सीट भाजपा हारी तो जरूर थी, लेकिन उसके प्रत्याशियों को 2022 की तुलना में ज्यादा मत मिले थे।