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Corona Vaccine: लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कारगर नहीं कोरोना वैक्सीन, जानिए क्‍यों बना रहता है खतरा

लखनऊ: कोरोना वैक्सीन यूं तो हर मर्ज के मरीजों को लगाई जा रही है, लेकिन यह लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट (Corona Vaccine After Kidney Transplant) के बाद कारगर साबित नहीं हो रही। विशेषज्ञों के मुताबिक, ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों की इम्युनिटी (Imunity) कम हो जाती है। ऐसे मरीजों को इम्युनो सप्रेशन दवाएं भी दी जाती हैं, जो वैक्सीन को प्रभावी ढंग से काम नहीं करने देतीं। यही वजह है कि अब विशेषज्ञों ने ट्रांसप्लांट से पहले मरीजों को कोरोना वैक्सीन लगवाना शुरू कर दिया है। वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद ही मरीजों का ट्रांसप्लांट किया जा रहा है।

लोहिया संस्थान के नेफ्रॉलजी विभाग की डॉ. नमृता ने बताया कि ट्रांसप्लांट के बाद कोरोना टीकाकरण उतना कारगर नहीं है। ट्रांसप्लांट के बाद टीका लगने पर मरीजों को कोविड होने का पूरा खतरा रहता है। कोविड के दौरान ट्रांसप्लांट के काफी मरीजों को कोविड संक्रमण हुआ, जिसमें कई की हालत गंभीर भी हो गई। इसी कारण अब गाइडलाइन में बदलाव किया गया है, ताकि मरीजों की जान बचाई जा सके। इसी कारण किडनी ट्रांसप्लांट के लिए आ रहे सभी मरीजों के कोरोना टीकाकरण की स्थिति जरूर चेक की जा रही है। अगर किसी मरीज ने वैक्सीन नहीं लगवाई है तो पहले उसे दोनों डोज लगने का इंतजार करते हैं, फिर उनका ट्रांसप्लांट करते हैं। डॉ. नमृता ने बताया कि कई लोगों में बूस्टर डोज का भी समय आ गया है। ऐसे में किसी को बूस्टर डोज लगनी है तो ट्रांसप्लांट से पहले ही लगवा रहे हैं, ताकि मरीज के शरीर में कोविड की एंटीबॉडी बन जाए।

इसलिए नहीं काम करती है वैक्सीन
केजीएमयू के लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. अभिजीत चंद्रा ने बताया कि शरीर में कोई बाहरी चीज लगती है तो उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनने लगती है। इससे शरीर उस हिस्से को रिजेक्ट करता है। शरीर एंटीबॉडी न बनाए, इसके लिए इम्युनो सप्रेशन दवाएं देते हैं। इस कोई मीज कोविड वैक्सीन लेता है तो इम्युनो सप्रेशन दवाओं के के कारण कोविड की भी एंटीबॉडी नहीं बनेगी। यही वजह है कि ट्रांसप्लांट से पहले ही मरीजों को वैक्सीन लगवाई जा रही है, ताकि उनके शरीर में एंटीबॉडी पहले ही बन जाए।