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आजाद कश्मीर’ के पक्ष में थीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी! पत्रकार ने दस्तावेज के हवाले से कड़ियां जोड़कर उठाए सवाल

कांग्रेस की मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष क्या ‘आजाद कश्मीर’ के पक्ष में थीं ? क्या कश्मीरी आतंकियों से उनके और कांग्रेस के रिश्ते रहे हैं ? ये सवाल एक ट्वीट में दिए गए तथ्यों की वजह से उठ रहे हैं। ये ट्वीट किया है विजय पटेल ने। विजय का ट्विटर हैंडल @vijaygajera है। विजय पटेल ने दस्तावेजों के आधार पर ये कहा है कि सोनिया गांधी एक ऐसे एनजीओ से जुड़ी रही हैं, जिसका उद्देश्य भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी को खत्म करने के लिए ‘आजाद कश्मीर’ बनाना था।

विजय ने इस बारे में ट्वीट्स की लंबी श्रृंखला लिखी है। आपको हम अब सिलसिलेवार बताते हैं विजय ने अपने ट्वीट्स में क्या लिखा है।अपने पहले ट्वीट में विजय पटेल ने लिखा है कि 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या हुई और ठीक एक महीने बाद 21 जून 1991 को राजीव गांधी फाउंडेशन बनाया गया।अगले ट्वीट में विजय ने लिखा है कि सोनिया ने 1993 में राजीव गांधी फाउंडेशन की ब्रांच ब्रिटेन में भी बनाई। सोनिया की मौजूदगी में ब्रिटिश सरकार ने इस बारे में प्रस्ताव भी पास किया।विजय ने फिर लिखा है कि सोनिया गांधी 1993 में राजीव गांधी फाउंडेशन के काम से अमेरिका गईं।

इसी साल भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस ने न्यूयॉर्क में ओपन सोसाइटी फाउंडेशन की स्थापना की।-अगले ट्वीट में विजय ने बताया है कि दिसंबर 1994 में ‘द फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन द एशिया-पैसिफिक’ नाम से एनजीओ बनती है। इस एनजीओ के मुख्य काम में ‘कश्मीर की आजादी’ भी दिखाई जाती है।-उन्होंने आगे लिखा है कि राजीव गांधी फाउंडेशन की अध्यक्ष होने के नाते कश्मीर की आजादी की बात कहने वाले ‘द फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन द एशिया-पैसिफिक’ में सोनिया गांधी को सह-अध्यक्ष बनाया जाता है।-इस एनजीओ को जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से पैसा दिया गया था। विजय पटेल ने इसके दस्तावेजी सबूत अपने ट्वीट में लगाए हैं।–

इसके बाद विजय पटेल कुछ ट्वीट्स में कंधार हाईजैक की कहानी लिखते हैं। इसमें वो बताते हैं कि लतीफ नाम के आतंकी को भी जैश के हाईजैकर छुड़वाना चाहते थे, लेकिन वाजपेयी सरकार ने उसे नहीं छोड़ा।-विजय ने एक ट्वीट में लिखा है कि यूपीए सरकार के दौरान 2010 में मनमोहन सरकार ने 25 पाकिस्तानी आतंकियों को जेल से रिहा किया। जिनमें लतीफ भी था।विजय पटेल ने ट्वीट्स के इस थ्रेड में 25वीं कड़ी में लिखा है कि जब 2 जनवरी 2016 को पठानकोट में वायुसेना के बेस पर आतंकी हमला हुआ तो इसी लतीफ का नाम बतौर आतंकियों का हैंडलर सामने आया।