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वेलिंगटन टेस्ट की हार के बाद कोहली की नसीहत- रक्षात्मक खेल से फायदा नहीं होगा, बल्लेबाजों को शॉट खेलने होंगे

 न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंगटन टेस्ट में खराब बल्लेबाजी से भारतीय कप्तान विराट कोहली नाराज हैं। उन्होंने नसीहत दी कि विदेशी दौरों पर रक्षात्मक खेल से फायदा नहीं होगा, बल्लेबाजों को शॉट्स खेलने होंगे।कोहली के कहा- मुझे नहीं लगता कि बल्लेबाजी करते वक्त ज्यादा सतर्क रहने से फायदा होगा, क्योंकि तब आप शॉट खेलना बंद कर देते हैं। 

उन्होंने आगे कहा कि जब आप रक्षात्मक बल्लेबाजी करते हैं तो खुद की क्षमता पर ही शक होने लगता है। आपको लगता है कि रन भी नहीं मिल रहे हैं, अब क्या करें? ऐसे में आप इंतजार करते रह जाते हैं और एक अच्छी गेंद पर अपना विकेट गंवा देते हैं। अगर मैं तेज गेंदबाजों की मददगार विकेट पर खेल रहा होता हूं तो विपक्षी टीम को दबाव में लाने के लिए आक्रामक बल्लेबाजी करता हूं। ऐसे में अगर सफल नहीं भी होते हैं, तो यह मान सकते हैं कि सोच सही थी। आपने कोशिश की, लेकिन नतीजे हक में नहीं आए। इसे स्वीकार करने में कोई नुकसान नहीं। 

टेस्ट क्रिकेट में तकनीक से ज्यादा अहम आपकी सोच है : विराट

भारतीय कप्तान ने टेस्ट क्रिकेट के मानसिक पहलू पर जोर देते हुए कहा कि कई बार बल्लेबाजी की तकनीकी बारीकियों से ज्यादा अहम आपकी सोच होती है। अगर हम पिच, मौसम के बारे में ज्यादा सोचते हैं तो अपने खेल पर ध्यान नहीं लगा पाते हैं। लेकिन जब आपकी सोच साफ है तो हर परिस्थिति आसान नजर आती है। फिर गेंदबाजों से भी डर नहीं लगता है। हम वेलिंगटन में तो इस सोच के हिसाब से खेल नहीं पाए, लेकिन क्राइस्टचर्च में जरूर इस पर अमल करेंगे। 

पुजारा ने वेलिंगटन टेस्ट में 81 गेंद पर 11 रन बनाए

वेलिंगटन टेस्ट की दोनों पारियों में भारत 200 का आंकड़ा पार नहीं कर सका। पहली पारी में टीम इंडिया ने 165 रन बनाए, जबकि दूसरी में 191 पर ऑल आउट हो गई। वेलिंगटन में भारतीय बल्लेबाजों के रक्षात्मक रुख का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि 11 रन बनाने में चेतेश्वर पुजारा ने 81 गेंद खेली। वहीं, हनुमा विहारी ने 79 गेंद में 15 रन बनाए। एक वक्त तो पुजारा ने लगातार 28 डॉट बॉल खेली। इससे मयंक अग्रवाल पर दबाव बढ़ा और रन बनाने के चक्कर में वे गलत शॉट खेलकर आउट हो गए।