उत्तर-पूर्वी दिल्ली में तीसरे दिन भी हिंसा और पत्थरबाजी की कई वारदातें होती रही। मौजपुर, बाबरपुर, जाफराबाद, गोकुलपुरी, बृजपुरी, करदमपुरी, गौंडा आदि इलाकों में पुलिस व रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती की गई है उसके बाद भी कई अंदरूनी इलाकों में आपसी भिड़ंत व एक दूसरे पर पत्थरबाजी की वारदातें हो रही हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में लोग घरों में दुबके हुए है। कई लोगों का कहना है कि वह पुलिस से मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन पुलिसकर्मी कम फोर्स होने का हवाला दे रहे हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में रह रहकर गोलियां चलने की आवाजें भी सुनाई दे रही हैं।
उत्तर पूर्वी दिल्ली में भयावहता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि थोड़ी-थोड़ी देर में गोली लगे मरीजों का अस्पताल आने का सिलसिला जारी है। कोई बाइक पर तो कोई एम्बुलेंस पर अस्पताल पहुंच रहा है। अभी भी हो रही हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक उपद्रवी भीड़ ने यहां कई दुपहिया वाहनों को भी आग लगाने की कोशिश की है।
चांद बाग, खजूरी खास, मूंगा नगर, चंदू नगर, करावल नगर रोड से सटी सभी कॉलोनियों में लोगों में भय डर का माहौल है। कॉलोनियों के बुजुर्ग चौराहों पर खड़े होकर शांति बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे और युवाओं को समझा रहे थे। वहीं गलियों में युवा डंडे हेलमेट लेकर बैठे थे। मेन रोड पर फोर्स थोड़े-थोड़े के समय के अंतराल में मार्च कर रही थी।
मंगलवार सुबह मौजपुर के समीप ब्रह्मपुरी इलाके में उपद्रवी भीड़ ने एक बार फिर पथराव किया। छोटे-छोटे गुटों में बंटे उपद्रवियों के ये समूह पुलिस व कुछ अन्य लोगों पर पथराव करते दिखे। हालांकि बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी और सतर्कता के चलते यह उपद्रवी हिंसा फैलाने में नाकाम रहे। हिंसा की छिटपुट घटनाएं जाफराबाद, मौजपुर और बाबरपुर के अंदरूनी हिस्सों में भी सामने आई हैं।
हिंसा की आशंका के चलते पुलिस ने यहां सभी गैरजरूरी आवाजाही रोक दी है। मुख्य सड़क मार्ग पर बैरिकेड लगाए गए हैं। सड़कों पर वाहनों के साथ साथ पैदल व्यक्तियों की आवाजाही भी नियंत्रित की गई है। साथ ही सड़क के दोनों ओर बड़ी तादात में दिल्ली पुलिस रैपिड एक्शन फोर्स और अर्द्धसैनिक बलों के सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं।
सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस ने हिंसा ग्रस्त इलाकों के मेट्रो स्टेशन फिलहाल बंद करवा दिए हैं। जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकुलपुरी, जौहरी एनक्लेव और शिव विहार मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। इन सभी इलाकों में सोमवार को जबरदस्त हिंसा व आगजनी हुई थी। अब बाहर से उपद्रवी तत्व यहां आकर एकत्र ना हों, इसके लिए इन मेट्रो स्टेशनों को बंद रखा गया है।
बाबरपुर में रहने वाले राजा ने एजेंसी से कहा “सोमवार को हमारे मोहल्ले के बाहर तीन घंटे तक रुक-रुककर पथराव व हिंसक झड़पें होती रहीं। ज्यादातर उपद्रवी दूसरे मोहल्लों से आए थे। हिंसा कर रहे इन लोगों के हाथ में लाठी-डंडे और लोहे की रॉड भी थीं।” राजा के मुताबिक उनकी गली के कई लोगों ने एकजुट होकर उपद्रवियों को खदेड़ दिया।
बाबरपुर में सोमवार के मुकाबले फिलहाल शांति है, हालांकि यहां रहने वाले स्थानीय लोग सुबह से ही अपनी गलियों, चौराहों पर इकट्ठा होना शुरू हो गए। इन लोगों का कहना है कि वे मेन रोड पर नहीं जाएंगे लेकिन गलियों के अंदर पुलिस को सुरक्षा बनाए रखने में अपना सहयोग जरूर देंगे।
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