Ranchi : नेत्र विभाग के लिये IPHS के मापदंड को ध्यान में रखकर अस्पतालों में 24 तरह के उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है. लेकिन, झारखंड के छह अस्पताल ऐसे हैं जहां के नेत्र विभाग में 13 से 71 फीसदी उपकरणों की कमी है. ये आंकड़ें महालेखाकार द्वारा जारी आंकड़ें हैं. महालेखाकार ने राज्य के छह जिला अस्पतालों रांची, पू सिंहभूम,हजारीबाग, पलामू व रामगढ़ की स्थल निरीक्षण किया, जिसमें ये मामले उभरकर सामने आये हैं.
पू सिंहभूम के जिला अस्पताल के नेत्र विभाग में 71 फीसदी उपकरण की कमी पायी गयी. वहीं, पलामू के जिला अस्पताल में 63 फीसदी उपकरण कम है. जिला अस्पताल प्रबंधन ने भी उपकरण की कमी को स्वीकार किया है.
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तीन अस्पतालों में हड्डी रोग विशेषज्ञों की भी कमीः
महालेखाकार के लेखापरीक्षा द्वारा छह जिला अस्पतालों मे विशेषज्ञों की कमी का भी आंकड़ा जुटाया. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के आंकड़ों में रांची, पू सिंहभूम व रामगढ़ सबसे ऊपर है.
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जांच में पाया गया कि यहां उपकरणों की तो कमी है ही यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की भी कमी है. विभाग ने माना कि इन अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है, रिक्त पदों को जल्द ही भरा जायेगा.
जिला अस्पतालIPHS के मापदंडउपकरण की उपलब्धताकमी का प्रतिशतदेवघर242113पू सिंहभूम24771हजारीबाग241921पलामू24963रामगढ़241633रांची241921
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जिला अस्पतालों में ओटी में भी है उपकरणों की कमीः
प्रधान महालेखाकार द्वारा पांच जिलों के अस्पतालों में उपकरणों की जांच की गयी तो पाया कि देवघर,पू सिंहभूम, हजारीबाग, पलामू,रामगढ़ और रांची में ओटी(ऑपरेशन थिएटर) में भी उपकरणों की कमी है. पलामू और रांची के जिला अस्पतालों में 52 फीसदी उपकरण उपलब्ध हैं. IPHS के मापदंड के अनुसार जिला अस्पतालों में 23 प्रकार के उपकरण होना चाहिये. लेकिन, इसके विरूद्ध छह जिलों के अस्पतालों में 12 तरह के ही उपकरण पाये गये.
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