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आजसू पार्टी ने खतियान आधारित नियोजन नीति पर सीएम के बयान को बताया आश्चर्यजनक, कहा-सरकार ने राज्य की जनता को दिया धोखा

Ranchi: खतियान आधारित नियोजन नीति को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये बयान को आजसू पार्टी ने आश्चर्यजनक बताया है. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सीएम ने अपने सभी सार्वजनिक सभाओं और चुनावी मंच पर खतियान आधारित स्थानीय एवं नियोजन नीति लागू करने की बात की थी. जब संवैधानिक शपथ लेने वाले नेता और राज्य के मुखिया अपने बयानों को इस तरह से बदलते हैं और विधानसभा के पटल पर झूठ बोलते हैं, तो इससे जनता और सरकार के बीच विश्वास की डोर कमजोर पड़ जाती है.

बुधवार को विधानसभा में सीएम ने यह साबित कर दिया है कि सरकार की दिशा और दृष्टि दोनों गलत है. स्थानीयता के मुद्दे पर ही हेमंत सोरेन ने 2012 में सरकार गिराई थी. 2019 में इसी आधार पर वे सरकार में आये.

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जब जनता ने हेमंतजी को सत्ता की कमान सौंपी और निर्णय लेने का समय आया तो ये बोलते हैं कि खतियान के आधार पर नियोजन न्यायसंगत नहीं.

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सीएम ने झारखण्ड और झारखण्ड की जनता को धोखा दिया है. आखिर झामुमो सरकार किसे स्थानीय मानती है, यह स्पष्ट करे.

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वादाखिलाफी कर रही सरकार

आजसू पार्टी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने झारखण्ड की जनता को बरगला कर वोट लिया और जब वादों को पूरा करने का वक्त आया तो इन्होंने यू टर्न ले लिया. यही बात इन्होंने नौकरी को लेकर भी की. चुनावी सभाओं, फेसबुक पोस्ट, ट्विटर हर जगह पर इन्होंने पांच लाख नौकरी देने की बात की थी, आज भी वो विजुअल तथा न्यूज़ कटिंग पब्लिक डोमेन में हैं. विधानसभा के पटल पर 23 मार्च को मुख्यमंत्री अपने ही वादों से मुकर गए और नौकरी को लेकर नयी परिभाषा दे दी.

आजसू पार्टी शुरु से ही सरकार की मंशा समझ गयी थी और समय-समय पर पार्टी ने जनता को आगाह भी किया. इसी कारण से पार्टी ने 29 दिसंबर 2020 तथा 28 दिसंबर 2021 को विश्वासघात दिवस भी मनाया था.

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मुख्यमंत्री ने झारखण्ड की भोली-भाली जनता के बीच भ्रम का जाल फैलाया, उनका वोट लिया और फिर उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया.

ढाई साल में किसी भी गरीब को तीन लाख का आवास नहीं मिला, बेरोज़गारी भत्ता की बात को गौण कर दिया गया, संसाधनों का दोहन चरम पर है. सरकारी संरक्षण में ट्रांसफर पोस्टिंग और खनिज लूट का खेल चल रहा. आज अखबार के पन्नों में भी इस बात का जिक्र हो गया. मुख्यमंत्री सचिवालय तक इस लूट के तार जुड़े हुए हैं.

ढाई सालों में इनका एक भी कमिटमेंट धरातल पर नहीं उतरा. झामुमो महागठबंधन की सरकार ने राज्य को गहरे अंधेरे में डाल दिया है.

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आजसू पार्टी ने कभी भी झारखण्ड एवं झारखण्डियों के मुद्दों से समझौता नहीं किया है. जब पार्टी भाजपा के साथ सरकार में थी, तब भी स्थानीय एवं नियोजन नीति को लेकर अपनी आवाज़ बुलंद की थी.

अपनी ही सरकार के विरोध में पार्टी ने मोर्चा खोला.आजसू पार्टी ना तब चुप थी और ना ही आज चुप रहेगी. जनहित के मुद्दों को लेकर पार्टी निर्णायक लड़ाई लड़ेगी.

देव शरण भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि सात मांगों को लेकर 14 अप्रैल को भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आजसू पार्टी द्वारा होने वाले जेल भरो आंदोलन को लेकर तैयारियां तेज़ कर दी गयी हैं. राज्य के हर थाने में सभी कार्यकर्ता अपना झारखंडी परिचय देंगे.

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