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अभियान शिक्षा: ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थियों को मिला नया अनुभव, तकनीकी रूप से मजबूत बने

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कोरोना महामारी की वजह से विद्यालय डिजिटल दौर से गुजरे और लंबे समय से ऑनलाइन शिक्षण कार्य कराया। विद्यालय के साथ विद्यार्थियों को इसका फायदा भी मिला। विद्यालय तकनीकी रूप से और सुदृढ़ हो गए। विद्यार्थी भी कोरोना काल में खाली बैठने के बजाय शिक्षण कार्य से जुड़े रहे। विद्यार्थियों का कहना है कि कोरोना महामारी के पहले वह मोबाइल का अधिकतर इस्तेमाल गेम्स खेलने में करते थे, ऑनलाइन कक्षाएं शुरू होने के बाद इस पर पढ़ाई की भी आदत बन गई।

आगरा के गायत्री पब्लिक स्कूल शास्त्रीपुरम् शाखा में शनिवार को वार्षिक परीक्षा में शामिल विद्यार्थियों को रिजल्ट कार्ड दिए जा रहे थे। विद्यार्थी परिणाम देखकर उत्साहित थे। लॉकडाउन के समय डर गए थे, कहीं पढ़ाई बर्बाद न हो। पहले ऑनलाइन फिर ऑफलाइन कक्षाओं में भरपाई हो गई। पाठ्यक्रम को पढ़ाने के साथ रिवीजन करा दिया गया। ऑफलाइन परीक्षाएं कराकर आत्मविश्वास बढ़ाने का भी काम किया गया।

कोरोना से बचे भी और पढ़ाई से दूर भी नहीं हुए

11वीं कक्षा की छात्रा वंशिका जैन ने कहा कि कोरोना महामारी में ऑनलाइन शिक्षण से बड़ा लाभ मिला। घर में रहने से कोरोना से बचे भी रहे और पढ़ाई से दूर भी नहीं हुए। जो कुछ कमी थी, वह ऑफलाइन कक्षा में दूर कर दी गई।

मनोरंजन से ज्यादा पढ़ाई में मोबाइल का इस्तेमाल

11वीं के छात्र प्रशांत कुमार चौधरी ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण से जुड़ने का लाभ यह मिला कि गेम्स खेलने या सोशल मीडिया पर चैटिंग करने के बजाय मोबाइल के माध्यम से पढ़ने के प्रति रुझान बढ़ा। इंटरनेट पर तमाम पाठ्यक्रम पढ़ने के लिए उपलब्ध हैं।

कभी सोचा नहीं था शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाएंगे

11वीं के छात्र अनीश बंसल ने कहा कि कभी सोचा भी नहीं था कि विद्यालय के शिक्षक हमें ऑनलाइन पढ़ाएंगे। ऑनलाइन शिक्षण कार्य से एक नया अनुभव मिला। शुरूआती दिनों में कुछ दिक्कतें आईं, बाद में ऑनलाइन कक्षाएं अनुशासित तरीके से चलीं।

विद्यार्थियों व अभिभावकों की मुश्किलें कम करने के लिए प्रयोग किए

गायत्री पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य मोनिका सिंह ने कहा कि विद्यालय में ऑनलाइन शिक्षण के दौरान विद्यार्थियों व अभिभावकों की मुश्किलें कम करने के लिए प्रयोग किए गए। दो भाई-बहनों के हिसाब से कक्षावार टाइम स्लॉट रखा। कक्षा नर्सरी, केजी, यूकेजी और कक्षा एक, दो, तीन के विद्यार्थियों का टाइम स्लॉट रखा गया। जिससे एक मोबाइल या लैपटॉप में दोनों अलग-अलग समय में पढ़ सकें। दो घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं रखा गया।

विद्यालय में संसाधनों की उपलब्धता बढ़ी

कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कृष्णकांत दुबे ने कहा कि कोरोना महामारी में विद्यार्थी और शिक्षक डिजिटल शिक्षा से जुड़े। विद्यार्थियों को बहुत सी शिक्षण सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध हो गई। ऑनलाइन शिक्षण कार्य कराने के लिए विद्यालय में अच्छे कंप्यूटर बढ़ाए गए। इंटरनेट की हाईस्पीड के लिए व्यवस्था करनी पड़ी। आने वाले दिनों में ऑनलाइन शिक्षा की ओर रुझान बढ़ेगा। कई विश्वविद्यालय ऑनलाइन कोर्स चला रहे हैं। स्कूलों को शाम को एक-दो कक्षाएं ऑनलाइन रखनी चाहिए।