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आगरा में निजी स्कूल हो या सरकारी, टीके की सबने समझी जिम्मेदारी

आगरा में 82 दिन में 15 से 17 साल की उम्र के 80.20 फीसदी किशोर-किशोरियों को टीका लग चुका है। 23.70 फीसदी किशोर-किशोरियों का पूर्ण टीकाकरण हो गया है।

खुद को टीका लगा तो बच्चों को भला इससे क्यों दूर रखें। यह जिम्मेदारी आगरा के स्कूल संचालक और अभिभावकों ने बखूबी निभाई। निजी और सरकारी स्कूलों में 15-17 साल तक के विद्यार्थियों के टीकाकरण पर जोर दिया। सुविधा के लिए स्कूलों में शिविर लगाए। जो बच्चे झिझके, उनके परिजनों की काउंसलिंग कराई और वह भी टीके का महत्व समझे और टीकाकरण करवाया।

जिला टीकाकरण प्रभारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि जिले में 15-17 साल के 3.09 लाख किशोर-किशोरियों के तेजी से टीकाकरण को डीएम ने सरकारी-निजी स्कूलों में शिविर अनिवार्य किए। इससे लगभग शत प्रतिशत स्कूलों में शिविर लगाकर पहली-दूसरी डोज लगाईं। 54 बूथ अलग से भी बनाए। तीन जनवरी से शुरू हुए अभियान में इन 82 दिनों में 80.20 फीसदी को पहली डोज  और इनमें से 23.70 फीसदी को दोनों डोज लग गईं। बचे हुए भी टीकाकरण कराने आ रहे हैं।

टीकाकरण के आंकड़े

309916: किशोर-किशोरियों को लगना है टीका
24838: किशोर-किशोरियों को टीके की पहली खुराक
73327: किशोर-किशोरियों का पूर्ण हुआ टीकाकरण
904: स्कूल यूपी बोर्ड के
152: स्कूल सीबीएसई- आईसीएसई बोर्ड के

शिक्षकों ने निभाई अपनी जिम्मेदारी
बलूनी पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. ललितेश यादव ने बताया कि हमारे विद्यालय में 15 से 17 साल की उम्र के छात्रों के लिए टीका अनिवार्य कर दिया था। दो-दो दिन के अंतराल में शिविर लगाकर बच्चों का टीकाकरण कराया। जो बच्चे थोड़ा से डर रहे थे, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों ने बच्चों और अभिभावकों की काउंसलिंग भी की।

महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अतुल जैन ने बताया कि 15 से 17 साल की उम्र वाले विद्यार्थियों के लिए फरवरी में तीन दिन और दूसरी डोज के लिए मार्च में तीन दिन का शिविर लगाया। सभी बच्चों के टीकाकरण कराया। पहली बार जरूर कुछ विद्यार्थियों में झिझक थी, लेकिन काउंसिलिंग के बाद सभी ने टीका लगवाया।

दोनों डोज लगीं, मास्क पहनना नहीं किया बंद

आवास विकास कॉलोनी की याश्वी सिंह ने बताया कि उनको टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। इससे मन में सकारात्मक महसूस कर रही हूं। लेकिन कोरोना की चौथी लहर की भी आशंका है, ऐसे में मास्क पहनना नहीं छोड़ा है।

घर में सभी को लगा टीका, मैं भी पीछे नहीं रहा

बेलनगंज के शुभम ने बताया कि मेरे घर में दादा-दादी, मां-पिताजी, भाई, चाचा-चाची सभी को टीका लग चुका है। 15 से 17 साल की उम्र वालों की टीके की बारी आई तो मैं भी पीछे नहीं रहा और टीकाकरण करवा लिया।

‘हमारी जिम्मेदारी ज्यादा’

कमला नगर की वृंदा सिंघल ने कहा कि बच्चों को टीकाकरण करवाना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है, इसको समझते हुए जैसे ही जनवरी में 15-17 साल के बच्चों का टीकाकरण शुरू हुआ तो अपनी बेटी का टीकाकरण करवा दिया।

इनसे सीखें: नहीं बरती कोई ढिलाई, सबने वैक्सीन लगवाई

दयालबाग के 92 साल के अर्जुन सिंह के यहां तय आयु वर्ग में सभी ने टीका लगवा लिया है। इसमें उनके चार पुत्र, पुत्र वधू, पौत्र-पौत्री शामिल हैं। इसमें 12 साल की पौत्री से खुद 92 साल के अर्जुन सिंह टीका लगवा चुके हैं। इनके पुत्र सत्यवीर चौधरी ने कहा कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद टीके का महत्व समझा, जैसे-जैसे बारी आती गई सभी ने टीका लगवाया।

विस्तार

खुद को टीका लगा तो बच्चों को भला इससे क्यों दूर रखें। यह जिम्मेदारी आगरा के स्कूल संचालक और अभिभावकों ने बखूबी निभाई। निजी और सरकारी स्कूलों में 15-17 साल तक के विद्यार्थियों के टीकाकरण पर जोर दिया। सुविधा के लिए स्कूलों में शिविर लगाए। जो बच्चे झिझके, उनके परिजनों की काउंसलिंग कराई और वह भी टीके का महत्व समझे और टीकाकरण करवाया।

जिला टीकाकरण प्रभारी डॉ. संजीव वर्मन ने बताया कि जिले में 15-17 साल के 3.09 लाख किशोर-किशोरियों के तेजी से टीकाकरण को डीएम ने सरकारी-निजी स्कूलों में शिविर अनिवार्य किए। इससे लगभग शत प्रतिशत स्कूलों में शिविर लगाकर पहली-दूसरी डोज लगाईं। 54 बूथ अलग से भी बनाए। तीन जनवरी से शुरू हुए अभियान में इन 82 दिनों में 80.20 फीसदी को पहली डोज  और इनमें से 23.70 फीसदी को दोनों डोज लग गईं। बचे हुए भी टीकाकरण कराने आ रहे हैं।

टीकाकरण के आंकड़े

309916: किशोर-किशोरियों को लगना है टीका

24838: किशोर-किशोरियों को टीके की पहली खुराक

73327: किशोर-किशोरियों का पूर्ण हुआ टीकाकरण

904: स्कूल यूपी बोर्ड के

152: स्कूल सीबीएसई- आईसीएसई बोर्ड के

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