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अभियान शिक्षा: कोरोना महामारी ने शिक्षा को दी तकनीकी राह, विद्यार्थियों को मिला नया अनुभव

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कोरोना महामारी के कारण लगभग डेढ़ साल स्कूल और कॉलेज पूरी तरह से बंद रहे। जिसके चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हुई। मजबूरी में शासन और कॉलेज संचालकों को ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को आधार बनाना पड़ा।

ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था के तहत जब पढ़ाई शुरू कराई गई तो कई प्रकार से शासन और विभाग ने व्हाट्सएप ग्रुप, टीवी चैनल, यू ट्यूब आदि के माध्यम से लिंक जारी किए। इन के माध्यम से छात्र-छात्राओं को घर बैठे शिक्षा प्रदान की गई। इससे घर बैठे छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान तकनीकी शिक्षा प्राप्त हुई तो उनके चेहरे पर खुशी लौटी।

हरिश्चंद्र सिंह चौहान के वीडियो दूरदर्शन से प्रसारित
डीएवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लखौरा कुरावली मैनपुरी के सहायक अध्यापक हरिश्चंद्र सिंह ने कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने विज्ञान विषय में उनके द्वारा तैयार किए गए वीडियो चयनित किए।

उनके विज्ञान विषय के 35 और गणित विषय के 25 वीडियो दूरदर्शन के माध्यम से प्रदेशभर के माध्यमिक शिक्षा से संबंधित स्कूलों के कक्षा नौ और 10 के छात्र-छात्राओं के लिए प्रसारित किए गए। तकनीकी शिक्षा में जनपद का यह बड़ा योगदान रहा।

पवन यादव के वीडियो प्रदेश स्तर पर हुए चयनित
जैन इंटर कॉलेज के प्रवक्ता पवन यादव ने भी कोरोना महामारी के दौरान तकनीकी शिक्षा के ज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। पवन यादव के वीडियो माध्यमिक शिक्षा परिषद ने चयनित किए। उनके वीडियो दूरदर्शन के माध्यम से कक्षा 11 और 12 के छात्र-छात्राओं के लिए प्रदेश भर में प्रसारित कराए गए।

पवन यादव का कहना है कि परिस्थितियां ही आदमी को आगे बढ़ाने का कार्य करती हैं। कोरोना महामारी से जहां भौतिक रूप से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई वहीं तकनीकी शिक्षा को पंख लगे हैं।

छात्र बोले- तकनीकी ज्ञान बढ़ा
12वीं के छात्र पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान जब कॉलेज बंद हो गए तब एकबार महसूस हुआ कि अब तो बोर्ड परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो जाएगी। इसी समय कॉलेज की तरफ से ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था शुरू की गई, जिससे बोर्ड परीक्षा की तैयारी का संकट समाप्त हुआ। कोरोना महामारी के बीच तकनीकी ज्ञान बढ़ा है।

10वीं के छात्र अमन कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई। एक बार को ऐसा लग रहा था कि बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे हो सकेगी। ट्यूशन भी बंद हो गई। व्हाट्सएप, दूरदर्शन और विभिन्न लिंक के माध्यम से जो तकनीकी शिक्षा प्राप्त हुई वह छात्र-छात्राओं के लिए जीवन दायिनी साबित हुई।