Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

UP Assembly Speaker: यूपी विधानसभा अध्यक्ष को साथ मिलकर ढूंढेंगे योगी और अखिलेश, अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही परंपरा

Default Featured Image

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) के 19वें अध्यक्ष के रूप में सतीश महाना (Satish Mahana) का चयन लगभग पक्का है। भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) की ओर से उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष (UP Assembly Speaker) का नामांकन सोमवार को किया गया। उनके खिलाफ किसी अन्य उम्मीदवार ने नामांकन नहीं किया। ऐसे में उनका निर्विरोध निर्वाचन होना तय है। इसके बाद मंगलवार को उन्हें अध्यक्ष के आसन पर बैठाया जाएगा। इससे पहले एक रस्म को सदन में निभाया जाएगा। परपंरा यह है कि विधानसभा अध्यक्ष के चयन के बाद सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष मिलकर विधानसभा अध्यक्ष को ढूंढ़ते हैं और उन्हें आसन तक लेकर आते हैं। इस परंपरा को सदन में वर्षों से निभाई जा रही है।

यूपी विधानसभा में मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) इस परंपरा को निभाते नजर आएंगे। इसके लिए सतीश महाना सदन में ऐसी जगह बैठेंगे, जहां से वे आसानी से नजर न आएं। योगी और अखिलेश पहले उन्हें सदन में ढूंढ़ेंगे और फिर उन्हें वहां से अध्यक्ष के आसन तक चलने का अनुरोध करेंगे। इस दौरान सतीश महाना के एक तरफ योगी तो दूसरी तरफ अखिलेश होंगे। वे विधानसभा अध्यक्ष को आसन तक लेकर आएंगे और उन्हें वहां बैठाएंगे।

यह है बड़ी वजह
विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर पदासीन नेता पूरे सदन के होते हैं, इस परंपरा के जरिए यही बताने का प्रयास किया जाता है। अध्यक्ष चुने जाने के बाद वे सदन में किसी एक पक्ष के नहीं रह जाएंगे। सत्ता पक्ष और विपक्ष उनके लिए बराबर होगा। सदन के तमाम सदस्यों को वे एक समान भाव से मौका देंगे और उनके अधिकारों की रक्षा करेंगे। यह रस्म अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है।

महाना के लिए बढ़ने वाली है चुनौती
विधानसभा अध्यक्ष के रूप में सतीश महाना के सामने चुनौती बड़ी रहने वाली है। यूपी चुनाव 2022 में विपक्ष मजबूत होकर यूपी विधानसभा में पहुंचा है। ऐसे में विधानसभा में विपक्ष की आवाज जोरदार तरीके से गूंजेगी। अखिलेश यादव के नेता प्रतिपक्ष बनने से विपक्ष की आवाज जोरदार रहने की उम्मीद है। ऐसे में सतीश महाना की चुनौती सभी सदस्यों को एक साथ लेकर चलने और सदन को सुचारू रूप से चलाने की होगी। हालांकि, अखिलेश ने जिस प्रकार से उन्हें सम्मान दिया है, उससे साफ है कि महाना को ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

विधानसभा में अब तक 18 विधानसभा अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष के आसन पर अब तक 18 नेता बैठ चुके हैं। यूपी विधानसभा के पहले अध्यक्ष पुरुषोत्तम दास टंडन थे। केशरी नाथ त्रिपाठी सबसे अधिक 13 साल तक अध्यक्ष के आसन पर बैठे हैं। यूपी विधानसभा का अध्यक्ष रहे श्रीपति मिश्र स्पीकर बनने के बाद मुख्यमंत्री बने थे। वहीं, बनारसी दास मुख्यमंत्री बनने के बाद अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए थे। बनारसी दास को 12 जुलाई 1977 को यूपी विधानसभा का अध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया था। वे कहते थे कि अगर एक भी सदस्य का विश्वास मुझे प्राप्त नहीं होगा, तो इस पीठ का मैं त्याग कर दूंगा।

अगला लेखYogi Cabinet News: पैराशूट चेहरों की हुई योगी कैबिनेट में शानदार लैंडिंग, नए चेहरे भी चमके…जानिए क्या है पूरा मामला