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यूपी: नौ महीने में 34,097 करोड़ की बैंकिंग धोखाधड़ी, बांदा के सांसद के सवाल पर वित्त राज्यमंत्री ने दिया लिखित जवाब

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वर्ष 2021 में अप्रैल से दिसंबर के बीच देशभर के 27 बैंकों में 34,097 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इस बीच 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की कुल 96 घटनाएं हुईं। यह जानकारी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डा. भागवत कराड़ ने मंगलवार को राज्यसभा में बांदा के सांसद विशंभर प्रसाद निषाद के सवाल पर लिखित में दी।

उन्होंने बताया कि जालसाजों और चूक कर्ताओं को भगोड़ा व आर्थिक अपराधी घोषित करने के साथ ही उनकी संपत्ति जब्त व कुर्क करने की कार्रवाइयां की गई हैं। सांसद निषाद ने बताया कि उन्होंने और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, चौधरी सुखराम सिंह यादव तथा रामनाथ ठाकुर ने इस बारे में अतारांकित प्रश्न के जरिये सरकार से पूछा था कि वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ से अधिक की बैंकिंग धोखाधड़ी का बैंकवार ब्योरा क्या है? दोषी अधिकारियों और धोखेबाजों पर क्या कार्रवाई की गई है? निषाद ने बताया कि इस अतारांकित प्रश्न का जवाब मंगलवार (29 मार्च) को वित्त राज्यमंत्री ने लिखित में दिया।

बताया गया है कि धोखाधड़ी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। इरादतन चूक कर्ताओं की फोटो प्रकाशित करने का सरकार ने सुझाव दिया है। अपराधी को किसी सिविल दावे में बचाव करने के हक से वंचित करने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 को अधिनियमित किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दिए गए हैं कि धोखाधड़ी रोकने को शुरूआत में ही इसकी पहचान कर ली जाए।
बैंकिंग धोखाधड़ी का ब्योरा (करोड़ रुपये में)-
बैंक                             धोखाधड़ी की संख्या     राशि
एक्सिस बैंक लि.                 2                 511
बंधन बैंक लि.                     1                 385
बैंक ऑफ बड़ौदा                 7                 2011
बैंक ऑफ इंडिया                 13                 3925
बैंक ऑफ महाराष्ट्र                 2                 896
केनरा बैंक                         5                 2658
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया             2                 228
एक्सपोर्ट इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया         1                 182
एचडीएफसी बैंक लि.                 1                 126
आईसीआईसीआई बैंक लि.             4                 1908
आईडीबीआई बैंक लि.             4                 2227
इंडियन बैंक                     7                 1628
इंडियन ओवरसीज बैंक             3                 875
इंडसइंड बैंक लि.                 1                 104
जम्मू और कश्मीर बैंक लि.             1                 138
कर्नाटक बैंक लि.                 1                 138
करुण वैश्य बैंक लि.                 2                 333
पंजाब एंड सिंध बैंक                 1                 215
पंजाब नेशनल बैंक                 10                 4820
आरबीएल बैंक लि.                 1                 186
सोसायटी जनरल                 1                 104
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक                 1                 121
भारतीय स्टेट बैंक                 8                 3902
द इंडस्ट्रियल फाइनेंस
कार्प ऑफ इंडिया लि.                 1                 490
यूको बैंक                         1                 375
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया             4                 1742
यस बैंक लि.                     11                 3869
योग-                         96                 34,097

वर्ष 2021 में अप्रैल से दिसंबर के बीच देशभर के 27 बैंकों में 34,097 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इस बीच 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की कुल 96 घटनाएं हुईं। यह जानकारी केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डा. भागवत कराड़ ने मंगलवार को राज्यसभा में बांदा के सांसद विशंभर प्रसाद निषाद के सवाल पर लिखित में दी।

उन्होंने बताया कि जालसाजों और चूक कर्ताओं को भगोड़ा व आर्थिक अपराधी घोषित करने के साथ ही उनकी संपत्ति जब्त व कुर्क करने की कार्रवाइयां की गई हैं। सांसद निषाद ने बताया कि उन्होंने और राज्यसभा सांसद छाया वर्मा, चौधरी सुखराम सिंह यादव तथा रामनाथ ठाकुर ने इस बारे में अतारांकित प्रश्न के जरिये सरकार से पूछा था कि वर्ष 2021-22 में 100 करोड़ से अधिक की बैंकिंग धोखाधड़ी का बैंकवार ब्योरा क्या है? दोषी अधिकारियों और धोखेबाजों पर क्या कार्रवाई की गई है? निषाद ने बताया कि इस अतारांकित प्रश्न का जवाब मंगलवार (29 मार्च) को वित्त राज्यमंत्री ने लिखित में दिया।

बताया गया है कि धोखाधड़ी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती है। इरादतन चूक कर्ताओं की फोटो प्रकाशित करने का सरकार ने सुझाव दिया है। अपराधी को किसी सिविल दावे में बचाव करने के हक से वंचित करने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 को अधिनियमित किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दिए गए हैं कि धोखाधड़ी रोकने को शुरूआत में ही इसकी पहचान कर ली जाए।